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बजट का असर -

वित्त वर्ष 2018-19 से इनकम टैक्स के नियमों में कई बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने 1 फरवरी को पेश किए गए भाषण में टैक्स स्लैब में तो किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है। हालांकि ऐसे बहुत से नियमों में बदलाव की घोषणा की है, जिसका असर आम करदाता पर पड़ेगा। इससे शेयर बाजार में निवेश करने वालों पर भी असर पड़ेगा, जिनको अगले साल से लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा। 

➤ वित्त मंत्री ने कहा कि धारा 80डी के अंतर्गत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम या चिकित्सा व्यय हेतु कटौती सीमा को 30 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दिया गया है। अब सभी वरिष्ठ नागरिक किसी स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम या किसी चिकित्सा के संदर्भ में 50 हजार रुपये प्रतिवर्ष तक कटौती के लाभ का दावा कर सकेंगे।

➤ वित्त मंत्री ने धारा 80डीडीबी के अंतर्गत गंभीर बीमारी से संदर्भ में चिकित्सा खर्च के लिए कटौती सीमा को वरिष्ठ नागरिकों के मामले में 60 हजार रुपये से और अति वरिष्ठ नागरिकों के मामले में 80 हजार रुपये से बढ़ाकर सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक लाख रुपए का प्रस्ताव किया। इन रियायतों से वरिष्ठ नागरिकों को 4 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर लाभ प्राप्त होगा।

➤ नए टैक्स प्रस्तावों के अनुसार प्रत्येक टैक्सपेयर को इस बार रिटर्न फाइल करते वक्त 40 हजार रुपये की छूट मिलेगी। हालांकि इसका सबसे ज्यादा फायदा कम टैक्स देने वालों को मिलेगा। इससे प्रत्येक व्यक्ति की टैक्सेबल इनकम में कम से कम 5800 रुपये की बचत होगी।

➤ नए नियमों के हिसाब से अब किसी भी टैक्सपेयर को मेडिकल और ट्रांसपोर्ट अलाउंस का बिल सबमिट नहीं करना पड़ेगा। इससे हेल्थ इन्श्योरेंस अथवा टैक्सी का बिल आदि वित्त वर्ष के आखिर में संभाल के नहीं रखना पड़ेगा। इससे काफी करदाताओं को राहत मिली है।  

➤ व्यक्तिगत एवं कॉरपोरेट टैक्स पर शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेस को 3 से बढ़ाकर चार फीसदी कर दिया गया है। जबकि 50 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर 10 फीसदी और एक करोड़ रुपये से ज्यादा की आय पर 15 फीसदी का सरचार्ज जारी रहेगा।

➤ प्रधानमंत्री वय वंदना योजना को मार्च 2020 तक बढ़ाया गया है। इस योजना के तहत भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा 8 प्रतिशत निश्चित प्रतिलाभ प्रदान किया जाता है। इस योजना के तहत प्रति वरिष्ठ नागरिक 7.5 लाख रुपए की मौजूदा निवेश सीमा को बढ़ाकर 15 लाख रुपए किया जा रहा है।

➤ अब से बिना पैन कार्ड के आप विदेश यात्रा नहीं कर पाएंगे। सरकार ने पैन कार्ड के नियमों में 2018 से कई महत्वपूर्ण कार्यों के लिए बदलाव कर दिया है। आधार कार्ड के अलावा पैन कार्ड का होना भी वित्तीय ट्रांजेक्शन के जरूरी कर दिया है।

➤ हम आपको बताने जा रहे हैं पैन कार्ड को लेकर के सरकार द्वारा किए गए उन बदलावों के बारे में जिनका जानना आपके लिए बहुत आवश्यक है। अगर आपने सरकार द्वारा जारी किए गए नए नियमों को नहीं जाना तो फिर 1 अप्रैल से आपके लिए कई सारे कार्य करना मुश्किल में पड़ जाएगा।





➤ यदि आप विदेश जाना चाहते हैं और उसके लिए हवाई टिकट बुक करने जा रहे हैं तो यह आपके लिए जानना जरूरी है। भविष्य में बिना पैन कार्ड के फ्लाइट टिकट बुक करने में मुश्‍किल पैदा हो सकती है।

➤ 1 अप्रैल से अगर आप बैंक में अपना खाता खुलवाने के लिए जाते हैं तो आधार कार्ड के साथ ही पैन कार्ड होना जरूरी है। इसके साथ ही फिक्स डिपॉजिट अकाउंट और अन्य सभी अकाउंट्स के लिए भी इसे मैनडेटरी कर दिया गया है।

➤ बैंक में अब 50 हजार रुपये या उससे अधिक पैसा जमा करने के लिए भी पैन कार्ड देना जरूरी है। इस नियम को जल्द लागू किया जा सकता है।

➤ सरकार ने साफ किया है कि 1 अप्रैल से कोई भी व्यक्ति बिना पैन कार्ड के प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त नहीं कर पाएगा। अगर आपके पास पैन कार्ड नहीं है तो किसी भी तरह की प्रॉपर्टी रजिस्ट्री या फिर बैंकिंग ट्रांजेक्शन नहीं कर पाएगा।

➤ अगर नए वित्तीय वर्ष में आपने गाड़ी (दोपहिया व चार पहिया) खरीदने का प्लान बनाया है और पैन कार्ड नहीं है, तो फिर आपका सपना अधूरा रह जाएगा। गाड़ी खरीदने के लिए वाहन डीलर को जरूरी डॉक्यूमेंट्स के तौर पर पैन कार्ड की कॉपी अटैच करनी होगी। बिना इसके शोरूम से गाड़ी नहीं निकाल सकेंगे।  

➤ हालांकि अभी शेयर मार्केट में गिरावट का दौर जारी है। लेकिन अप्रैल के बाद इसके फिर से रिकवर होने की पूर्ण संभावना है। इसलिए अगर आप शेयर मार्केट या फिर म्युचुअल फंड में निवेश करने की सोच रहे हैं तो फिर पैन कार्ड के बिना ऐसा करना संभव नहीं होगा। एक निश्चित राशि से ज्यादा राशि के स्टॉक खरीदने के लिए आपको पैन कार्ड के बिना दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

➤ क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए सीबिल स्कोर का अच्छा होना जरूरी है। अगर आपका सीबिल स्कोर अच्छा नहीं है तो बैंक क्रेडिट कार्ड देने से हिचकते हैं। लेकिन इसके अलावा आपको पैन कार्ड भी होना जरूरी है। अगर पैन कार्ड नहीं है तो फिर क्रेडिट कार्ड नहीं बन सकेगा। यदि आप क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करने जा रहे हैं तो पहले पैन कार्ड बनवा लें। बिना पैन कार्ड के आपका यह काम रुक जाएगा।



40,000 रुपये का नया स्टैंडर्ड डिडक्शन : इस नई कटौती का प्रस्ताव रखा गया है, जो मौजूदा ट्रांसपोर्ट एलाउंस (19,200 रुपये) तथा मेडिकल री-इम्बर्समेंट (15,000 रुपये) का स्थान लेगी... इस स्टैंडर्ड डिडक्शन से 2.5 करोड़ वेतनभोगी लाभान्वित होंगे... आमतौर पर पेंशनभोगियों को ट्रांसपोर्ट एलाउंस तथा मेडिकल री-इम्बर्समेंट जैसे कोई लाभ नहीं मिलते थे, लेकिन अब उन्हें भी इस स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ मिलेगा... इस नई स्टैंडर्ड डिडक्शन के प्रभावी होने के बाद वेतनभोगियों की करयोग्य आय में से सीधे तौर पर 40,000 रुपये घटा दिए जाएंगे .


सेस में बढ़ोतरी : वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आयकर, यानी इनकम टैक्स पर वसूले जाने वाले शिक्षा उपकर, यानी एजुकेशन सेस को मौजूदा तीन फीसदी से बढ़ाकर चार फीसदी कर दिया है... यह सेस करदाता के देय आयकर पर लगाया जाता है.


इक्विटी में निवेश पर लगेगा लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स : इक्विटी शेयरों अथवा इक्विटी-ओरिएंटेड फंडों के यूनिटों की बिक्री से होने वाली आय के 1,00,000 रुपये से अधिक होने पर अब 10 फीसदी टैक्स (सेस अतिरिक्त) वसूला जाएगा... हालांकि करदाताओं को फायदा पहुंचाने के लिए 31 जनवरी, 2018 तक की आय को नहीं गिना जाएगा... इसका अर्थ यह हुआ कि आय के तौर पर जनवरी, 2018 के बाद की कीमतों पर हुए लाभ को ही गिना जाएगा.


इक्विटी म्यूचुअल फंडों से होने वाली डिविडेंड आय पर टैक्स : इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंडों द्वारा दिए जाने वाले डिविडेंड पर 10 फीसदी की दर से टैक्स लगाया जाएगा


एकल प्रीमियम वाली हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर इनकम टैक्स में छूट : आमतौर पर स्वास्थ्य बीमा, यानी हेल्थ इंश्योरेंस करने वाली कंपनियां ग्राहकों को प्रीमियम में छूट दिया करती हैं, अगर वे कुछ सालों का प्रीमियम एक साथ अदा कर दें... लेकिन अब तक ऐसी पॉलिसियों पर भी कोई करदाता सिर्फ 25,000 रुपये तक की ही प्रमियम की रकम पर आयकर में छूट ले पाता था... वित्तवर्ष 2018-19 के आम बजट में प्रस्तावित बदलावों के तहत अब एक साल से ज़्यादा के लिए ली गई पॉलिसियों की प्रीमियम एक साथ अदा किए जाने की स्थिति में एक सीमा तक उतने ही सालों तक छूट ली जा सकेगी... उदाहरण के तौर पर, आपका बीमाकर्ता दो साल की पॉलिसी के लिए एक साथ 40,000 रुपये अदा किए जाने की सूरत में आपको 10 फीसदी का डिस्काउंट दे रहा है, और आप वह अदा कर देते हैं, तो नए प्रस्तावित नियमों के तहत अब ग्राहक दोनों सालों में 20,000 रुपये के प्रीमियम पर कर में छूट हासिल कर सकता है.


NPS से निकासी पर टैक्स में छूट : सरकार ने नेशनल पेंशन सिस्टम, यानी NPS से पैसे की निकासी पर टैक्स में छूट का लाभ गैर-कर्मचारी उपभोक्ताओं, यानी जो उपभोक्ता कहीं नौकरी नहीं करते, लेकिन NPS के सदस्य हैं, को भी देने का प्रस्ताव रखा है... मौजूदा नियमों के तहत कहीं नौकरी करने वाले उपभोक्ता एकाउंट की अवधि पूरा होने या उससे बाहर आने का फैसला करने पर जब रकम को निकालते हैं, तो उसमें से 40 फीसदी रकम पर टैक्स नहीं वसूला जाता है... यही छूट गैर-कर्मचारी उपभोक्ताओं को नहीं दी जाती है, लेकिन अब वित्तवर्ष 2018-19 से यही लाभ उन्हें भी मिल सकेगा.


वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज से आय पर छूट की सीमा बढ़ी : अब वरिष्ठ नागरिकों को बैंकों तथा पोस्ट ऑफिसों में खोले गए बचत खातों तथा आवर्ती जमा खातों (रिकरिंग डिपॉज़िट या आरडी) पर मिलने वाले ब्याज से होने वाली आय में ज़्यादा रकम पर टैक्स में छूट हासिल होगी... मौजूदा समय में बचत खातों से होने वाली आय पर प्रत्येक व्यक्ति आयकर अधिनियम की धारा 80टीटीए के तहत 10,000 रुपये तक के ब्याज पर टैक्स में छूट हासिल कर सकता है, लेकिन अब टैक्स कानूनों में धारा 80टीटीबी जोड़ने के प्रस्ताव किया गया है, जिसके तहत वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज से होने वाली आय में से 50,000 रुपये तक की रकम पर कर में छूट हासिल होगी... हालांकि वरिष्ठ नागरिक अब 80टीटीए के तहत मिलने वाली छूट का लाभ नहीं उठा सकेंगे... इसके अलावा सरकार ने प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) के तहत निवेश की सीमा को भी 7.5 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दिया है, तथा इस योजना को मार्च, 2020 तक विस्तार देने का प्रस्ताव भी दिया है... वरिष्ठ नागरिकों के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) के तहत सुनिश्चित आठ फीसदी ब्याज दिया जाता है


वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस की सीमा बढ़ी : वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज से होने वाली आय पर स्रोत पर कर (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स या टीडीएस) की सीमा को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर देने के प्रस्ताव किया गया है.


वरिष्ठ नागरिकों के लिए सेक्शन 80डी के तहत डिडक्शन लिमिट बढ़ी : आम बजट 2018-19 में सरकार ने हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के रूप में दी जाने वाली रकम पर टैक्स में छूट की सीमा को बढ़ाने के प्रस्ताव किया है... इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80टी के तहत अब तक वरिष्ठ नागरिकों को 30,000 रुपये के प्रीमियम पर टैक्स में छूट दी जाती थी, लेकिन अब यह सीमा 50,000 रुपये हो जाएगी... 60 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों के लिए धारा 80डी के तहत दी जाने वाली छूट की सीमा 25,000 रुपये ही रहेगी... परंतु यदि उनके माता-पिता वरिष्ठ नागरिक हैं, तो वे 50,000 रुपये की अतिरिक्त छूट हासिल कर सकेंगे, जिससे कुल छूट 75,000 रुपये (25,000 + 50,000 रुपये) हो जाएगी, जो मौजूदा समय में सिर्फ 55,000 रुपये है


वरिष्ठ नागरिकों के लिए चुनिंदा बीमारियों के इलाज के इनकम टैक्स में छूट की सीमा बढ़ी : चुनिंदा बीमारियों के इलाज पर किए गए खर्च की 1,00,000 रुपये तक की रकम अब करयोग्य आय में से घटाई जाएगी, जबकि अब तक अति-वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष से अधिक) को 80,000 रुपये तथा वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष से अधिक) को 60,000 रुपये की छूट इस मद में दी जाती थी.




स्डैंडर्ड डिडक्शन का कितना असर?

वेतनभोगियों और पेंशनभोगियों को 40 हजार रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ दिया गया है, लेकिन साथ ही 40 हज़ार के बदले अभी तक ट्रांसपोर्ट की मद में मिलने वाले 19,200 रुपये और मेडिकल खर्च के 15000 रुपये की सहूलियत को खत्म कर दिया गया है.

यानी कुल मिलाकर फ़ायदा हुआ 5800 रुपये पर लगने वाले टैक्स का. मतलब अगर आप 5 प्रतिशत के आयकर टैक्स के दायरे में आते हैं तो इस कदम से आपका टैक्स बचा मात्र 290 रुपये. 10 फ़ीसदी का टैक्स भर रहे हैं तो आपके 1160 रुपये बचेंगे और अगर 30 फ़ीसदी का टैक्स दे रहे हैं तो आप 1740 रुपये बचाएंगे.

वरिष्ठ नागरिकों पर मेहरबानी

-डिपॉज़िट से प्राप्त आय पर टैक्स छूट की सीमा (5 गुना) 10 हज़ार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी गई है. (आरडी, एफ़डी पर भी छूट)

-प्रधानमंत्री वय वंदना योजना मार्च 2020 तक जारी रहेगी. योजना के अंतर्गत निवेश की वर्तमान सीमा को साढ़े सात लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दिया गया है. दस साल तक 8 प्रतिशत का निश्चित ब्याज.

-धारा 80डीडीबी के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों और अति वरिष्ठ नागरिकों को गंभीर बीमारी के मामले में मेडिकल ख़र्च के लिए आयकर छूट सीमा बढ़ाकर एक लाख रुपये.

-धारा 80डी के अंतर्गत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम या मेडिकल खर्च के लिए टैक्स छूट 30 हज़ार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये

महिलाओं के लिए ईपीएफ़ 8 फ़ीसदी

-पहली बार नौकरी करने जा रही महिलाओं के लिए अधिकतम 8 फ़ीसदी कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योगदान

-पहले तीन सालों के लिए सुविधा

-महिलाओं की टेक-होम सैलरी बढ़ेगो

-सरकार से ईपीएफ़ में मिलेगा 12 फ़ीसदी का योगदान

आयुष्मान भारत

-सरकार ने बजट में नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम की घोषणा की है. ये इंश्योरेंस मॉडल पर काम करेगी. यानी योजना का लाभ उठाने वाले ग़रीबों का इश्योरेंस किया जाएगा और बीमार पड़ने की स्थिति में उनका अस्पतालों में कैशलेस इलाज़ होगा.

इस योजना को 'मोदीकेयर' भी कहा जा रहा है और ये राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का ही विस्तृत रूप है. इसमें पहले 30 हज़ार रुपये तक का इलाज़ हो सकता था, जिसे अब 1500 फ़ीसदी से अधिक बढ़ाकर प्रति परिवार पांच लाख रुपये कर दिया गया है.

अनुमान है कि प्रत्येक परिवार के लिए इंश्योरेंस का प्रीमियम 1100 रुपये होगा और केंद्र सरकार इस पर 11 हज़ार करोड़ रुपये खर्च करेगी.

हेल्थ और वेलनेस सेंटर

देशभर में डेढ़ लाख से ज्यादा हेल्थ और वेलनेस सेंटर खोले जाएंगे, जो जरूरी दवाएं और जांच सेवाएं मुफ्त उपलब्ध कराएंगे.

इन सेंटरों में गैर-संक्रामक बीमारियों और जच्चा-बच्चा की देखभाल भी होगी. इतना ही नहीं, इन सेंटरों में इलाज के साथ-साथ जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों, मसलन हाई ब्लड प्रेशर, डाइबिटीज और तनाव पर नियंत्रण के लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.

-24 ज़िला अस्पतालों को अपग्रेड कर मेडिकल कॉलेज बनाया जाएगा.

किसानों की आय बढ़ेगी

-2000 करोड़ रुपये से कृषि बाज़ार तैयार करने का एलान

-22 हज़ार ग्रामीण हाट को कृषि बाज़ार में बदला जाएगा

-500 करोड़ ऑपरेशन ग्रीन (किसान उत्पादक संगठन, प्रोसेसिंग यूनिटस्) के लिए रखे गए हैं.

-उपज पर लागत का डेढ़ गुना एमएसपी देने का वादा (नीति आयोग तय करेगा लागत पर एमएसपी का फॉर्मूला)

-देशभर में कृषि बाज़ार बनाने के लिए भारी निवेश

-किसानों को लोन के लिए 11 लाख करोड़ रुपये

-42 मेगा फूड पार्क तैयार होंगे

-सिंचाई और मत्स्य परियोजनाओं के लिए अलग से बजट


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