क्या ग्राहक के द्वारा देरी से किये गए भुगतान पर लगाए गए ब्याज पर जी एस टी लागु होता है , इसका जवाब तलाश करने से पहले हमें इससे सम्बंधित क्या कानून बना है यह जानकारी जरुरी है , जिसके द्वारा हमे इस विषय को विस्तार से जानने में मदद मिलेंगी।
Sec 15 states that under such a sale transaction wherein both the parties - seller and buyer are not related persons and price is the sole consideration for the supply than the TRANSACTION Value needs to be adopted. As per Sec 15 (2) d, Interest or late fees or penalty for delayed payment of any consideration for any supply will be included in the value of supply.
जी एस टी के सेक्शन 15 (2 ) डी के अंतर्गत यदि हमने कोई मॉल बेचा है और ग्राहक के द्वारा समय पर भुगतान नहीं करने के कारण हमने उस पर कोई ब्याज आरोपित किया है तो यह ब्याज उक्त मॉल की बिक्री का ही हिस्सा होता है , और इसे हम उक्त मॉल का बिक्री ही मानेगे।
अब हम इसे एक उदाहरण के द्वारा समक्षते है :-
माना राम ने कोई मॉल मोहन को दिनांक 15 मई 2017 को 1 लाख रुपये का बेचा , यह बिक्री 15 दिन के क्रेडिट पीरयड के लिए किया गया। इस तरह इसका नियत भुगतान तिथि 01 जून 2017 होता है। ग्राहक मोहन के द्वारा इसका भुगतान 15 अगस्त 2017 को किया गया , जो कि नियत समय से 76 दिन देरी से किया गया। उनके बीच किये गए बिक्री अनुबंध के अनुसार देरी से भुगतान करने के एवज में 15 % वार्षिक ब्याज तय किया गया था। जिसके अनुसार मोहन , राम को रुपये 3123/- देगा। (100000 *15 %*76 /365 )
अब हम इस उदाहरण को उपरोक्त जी.एस.टी. कानून के अंतर्गत समक्षते है , उसके अनुसार इस पर जी एस टी की देनदारी बनती है , अब प्रश्न आता है कितना ?
हम देखते है कि मॉल की बिक्री जी एस टी लागु होने से पहले हुई है और ब्याज उसके बाद मिला है , तो जी एस टी उस ब्याज पर लागु होगा जो 01 जुलाई के बाद लगा है , अर्थार्थ हमें ब्याज को दो हिस्सों में बाटना पड़ेगा ,
पहला जुलाई के पहले अर्थार्थ 30 -जून 2017 तक का ब्याज , जो कि रूपया 1232/- होता है और जिस पर कोई भी जी एस टी लागु नहीं होगा।
और दूसरा 01 जुलाई के बाद जो की रूपया 1891/- होता है पर हम जी एस टी लगाएंगे , जी एस टी का रेट उतना ही होगा जितना हम मूल इनवॉइस पर लगाए है।
हाँ , इस जी एस टी की क्रेडिट मोहन ले सकता है , बिलकुल वैसे ही जैसा उसने मूल इनवॉइस का लिया था।
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