खुद से यह सवाल कीजिये - क्या आप आर्थिक रूप से वहाँ पर है जहा आप होना चाहते है ? , क्या आपने अगले महीने से ज्यादा बचत करना तय किया है ? या यह सोचते है कि बचत शुरू करने के लिए आपकी उम्र अभी काम है ? इन सवालो के जवाब बताएँगे की पैसे के बारे में आपका नजरिया क्या है , भविस्य में आपकी फाइनेंसियल पोजीशन क्या होने वाली है , इसी से बचत , निवेश और खर्च भी तय होता है।
सही तरीका हमारे भविस्य को और भी बेहतर बनाएगा , लेकिन गलत तरीका हमें आर्थिक संवृद्धि के रास्ते से दूर ले जा सकता है। और कर्ज के भयानक जाल में भी फंसा सकता है।
इसलिए पैसो के बारे में ये निम्न बाते अपने आप से कहना बंद कर दीजिये -
- कठिन परिश्रम करता हूँ इसलिए पैसे खर्च करने का हक है। - कुछ बाते स्पष्ट कर लीजिये , पैसे से आप जिंदगी का आनंद उठा सकते है , लेकिन कठिन परिश्रम से कमाए हुए इन पैसो को जिंदगी के आनंद के नाम पर फिजूलखर्च करना कही से भी बुद्धिमानि नहीं कहा जा सकता है। आर्थिक भविष्य सुरक्षित करने और लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आपको पैसे खर्च करने का हक है , लेकिन कमाई से ज्यादा खर्च करने का नहीं। कठिन परिश्रम के बाद खुद को रिचार्ज और रिलेक्स करने के लिए ऐसे उपाय तलाशे जिनसे आर्थिक स्थिति कमजोर न हो।
- उम्र सिर्फ एक संख्या है,इसका कोई मतलब नहीं : आर्थिक लक्ष्य की योजना बनाते समय अक्सर लोग उम्र का महत्त्व नहीं समझ पाते। बचत के महत्व को यूवावस्था में नहीं , बल्कि उम्र बढ़ने पर समझते है। इसलिए यह कहना बंद कीजिये कि अभी आपकी उम्र कम है या बचत के लिए आपके पास काफी वक्त है। जरूरते पहचानिये और अभी से बचत करना शुरू कर दीजिये।
- पैसे के बारे में मित्रो और परिजनों से राय लूंगा : लोग कमाने को तो गंभीरता से लेते है , पर निवेश को नहीं। ज्यादातर लोग इसके लिए परिजनों और मित्रो पर निर्भर है , जो गलत है। निवेश फूल टाइम जॉब है। प्रोफेशनल की मदद लेना बेहतर विकल्प है। इसलिए तत्काल किसी फाइनेंसियल एडवाइजर के पास जाये।
इसी के साथ आर्थिक सम्पन्नता के लिए निम्न चार बातो को अपनी आदत में सुमार कर ले :-
इसी के साथ आर्थिक सम्पन्नता के लिए निम्न चार बातो को अपनी आदत में सुमार कर ले :-
- स्पष्ट नजरिया - पैसे पास हो तो खर्च करने का मन करता है। पुरानी ख़्वाहिसे पूरी करने के बजाय कर्ज लौटाए। बिजली और फ़ोन समेत सभी तरह की देनदारियों को चुकाना आपकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। इससे आप खर्च और बचत को अलग कर सकेंगे।
- बचत की आदत - बजट बनाते समय हम कुछ चीजों पर कम खर्च करते है लेकिन जैसे ही हमारे पास कोई अतिरिक्त पैसा आता है हम यह नियम भूल जाते है। हमारी सलाह है कि हर हाल में बचत की आदत बनाये रक्खे। अतिरिक्त आमदनी का इस्तेमाल निवेश में करे।
- ज्यादा बचत :- वारेन बफेट ने कहा है कि - खर्च के बाद बचत नहीं अपितु बचत के बाद खर्च खर्च करे। ज्यादा पैसे आये तो अतिरिक्त निवेश की योजना बनाये। कभी कभी खुद पर खर्च करने पर कोई बुराई नहीं , अपितु इससे हमें आत्म संतुष्टि मिलती है लेकिन यह आर्थिक लक्ष्य के निवेश के बाद ही होना चाहिए।
- ज्यादा सहज न हो -रफ़्तार भरी जिंदगी और ज्यादा पैसा चकाचौंघ कर देता है लोग अपनी कमाई के महत्त्व को कम आंकने लगते है और बुरे दिन के लिए तैयारी नहीं करते। आपके पास 6 - 8 महीने की जरुरत के लायक इमरजेंसी फण्ड होना चाहिए।
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महिला हो या पुरुष जीवन में अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बचत करना बहुत जरुरी है , आपकी बचत न सिर्फ आपको लक्ष्य की प्राप्ति कराती है , बल्कि बुरे समय में साथी बनकर साथ देता है , आज बचत की आदत में जो कमी देखने को मिल रहा है उसका मुख्य कारण बढ़ती हुई महंगाई है ज्यादातर लोंगो की शिकायत होती है कि मकान का किराया , घर का खर्च , बच्चो की फ़ीस के बाद बचत नहीं हो पाती , लेकिन जरा सोंचे की यदि मकान का किराया थोड़ा ज्यादा होता तो भी हम उसे देते , इसी तरह बच्चो की फ़ीस भी यदि थोड़ी ज्यादा होती तो भी उसका भुगतान हम करते।
कैसे करे हर महीने बचत :
बचत करने के पहले यह जानना बहुत जरूरी है कि बचत करने में हम कहां छोटी-छोटी गलतियां करते हैं। हम में ज्यादातर लोग खर्च के बाद जो रकम शेष होती है उसकी बचत करना चाहते हैं, लेकिन यह बचत करने का बेहतर तरीक नहीं माना जाता है और इसमें बचत की संभावना कम होती है। इसके अलावा भविष्य के खर्चों का वर्तमान में आकलन कर बचत करने में भी असफल होने की संभावना बहुत अधिक होती है। बचत का सबसे बेहतर तरीका है वर्तमान और भविष्य की जरूरत को आंकते हुए बचत करना। यह वर्तमान खर्च और भविष्य में बचत को विभाजित करने में मदद करता है।
अपना लक्ष्य तय करे :
बचत करने से पहले अपने गोल को लिखें। इसके बाद इसको पूरा करने में आने वाले खर्च का आकलन करें और समझें कि आपको पैसे की जरूरत कब होगी। इसको आप अपने साल के कैलेंडर में शामिल कर लें। यह सरल प्रक्रिया आपको बचत करने का एक खाका प्रस्तुत कर देगी।
प्राथमिकता को तय करे :
हर किसी की ढ़ेरों आवश्यकताएं होती हैं और इसको पूरा करने के लिए बहुत सारे पैसे की जरूरत होती है। अमूमन हर किसी के पास आय कम और खर्च अधिक होता है। ऐसी स्थिति में अपने खर्चे और जरूरत में से प्राथमिकता तय करें। ऐसा करने से बहुत सारे ऐसे खर्चे होते हैं, जिनको आप आसानी से कम कर सकते है ,
ऐसा कर के हमेशा छोट अवधि और लम्बी अवधि के लिए बचत करें।
छोटी बचत योजना :
आमतौर पर हम - आप आसानी से अपनी आय का 10 से 25 फीसदी तक बचत कर सकते है , हालाँकि यह कोई तय नहीं है की आप इसी के बीच में ही बचत करे। बचत में जब आप अपना लक्ष्य कर लेते हैं तो आप उसी के अनुरूप बचत करते हैं। जैसे कि आप अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए 5 लाख रुपए की बचत करना चाहते हैं तो यह ध्यान रखें कि आप वर्तमान में 5 लाख रुपए की बचत करने के बारे में सोच रहे हैं। यह 10 सालों के बाद 10 लाख रुपए भी हो सकता है। अपनी बचत की प्लानिंग इसी के अनुरूप करें।
बचत पर रिटर्न :
बचत और निवेश के बीच अंतर को जानना जरूरी है। बचत आपातकालीन खर्चों और भविष्य में किए जाने वाले खर्चों के लिए किया जाता है। वहीं, निवेश इसलिए करते हैं, ताकि कुल आय में वृद्धि और दीर्घकालीन लक्ष्यों की पूर्ति की जा सके। निवेश करने से पहले अपने लक्ष्यों को भली-भांति निर्धारित कर लें। इसके बाद फंडो की जानकारी, निवेश की पूंजी, जोखिम और नुकसान का आकलन कर लें। ध्यान रखें कि आपके और अपके परिवार के लिए आर्थिक रूप से सुरक्षित भविष्य तैयार करना ही आपका लक्ष्य है। आपकी बचत का अंतिम उद्देश्य यही होना चाहिए। बचत को जीवन का एक तरीका बना लें।
हम समझते हैं कि बचत और निवेश एक ही बात है, यह जरूरी नहीं दोनों आपकी वित्तीय लक्ष्यों के लिए निर्णायक हो , दोनों में आपको अपना पैसा अलग निकाल कर रखना होता है, पर उद्देश्य भिन्न होते हैं।
बचत उसे कहते हैं जिसमें आप थोड़ा थोड़ा पैसा जोड़कर बड़ा फंड बनाते हैं ताकि अल्पकालिक जरूरतें पूरी की जा सके, जैसे हम बचपन में कॉमिक बुक खरीदने के लिए पिगी बैंक में पैसा लगाते थे , यह एकदम सही उदाहरण है. यदि आपके ध्यान में आया हो तो हमने कभी उस पर कमाई जाने वाली ब्याज दर अथवा उस पैसे पर मिलने वाले रिटर्न पर गौर नहीं किया।
कैश सेविंग अकाउंट अथवा करंट अकाउंट में रखा पैसा बचत कहलाता है। दूसरी तरफ निवेश में किसी वित्तीय फायदे अथवा किसी निश्चित अवधि में पैसा बढ़ने की उम्मीद से किसी निवेश माध्यम में पैसा लगाने की वचन बध्याता होती है। जैसे - म्यूचुअल फंड शेयर और सोने में पैसा लगाना।
जहां रिटर्न निश्चित नहीं होता निवेश कहलाता है, रिटन कंपनी के प्रदर्शन मार्केट की स्थिति और आम आर्थिक मनोभाव पर निर्भर होता है।
बचत वर्तमान और निवेश भविष्य के लिए होता है। पहली बात तो अपने उद्देश्य की पहचान है, आप अपने पैसे का निवेश या उसकी बचत क्यों करना चाहते हैं ,गौर करें की आपके लक्ष्य कैसे अल्पकालिक, मध्यम अथवा दीर्घ अवधि है। अल्प अवधि लक्ष्य आपातकालीन परिस्थितियों और अचानक आने वाले खर्च के लिए बचत करना बुद्धिमानी है ,क्योंकि तब यह पैसा तत्काल उपलब्ध रहता है इससे छोटे लक्ष्य प्राप्त करना आसान हो जाता है, लेकिन दीर्घ अवधि में अपनी बदलती प्राथमिकताओं और मुद्रा स्पीति को देखते हुए रिटायरमेंट अथवा बच्चे की शिक्षा जैसे लक्ष्यों के लिए बचत कम पड़ सकती है।
रणनीति बहुत आसान है, एक वित्तीय कुशन बनाकर खुद को अनपेक्षित लागत और अल्पकालिक जरूरतों के खिलाफ संरक्षित कीजिए ,इससे जहां आपका पैसा ऐसी जगह सुरक्षित रहेगा जहां आप कभी भी पहुंच सकते हैं और वहां मंथली ब्याज भी मिल रहा होगा एक बार यह वित्तीय सुरक्षा हो जाए तो फिर भविष्य के लिए निवेश करना शुरू करें , याद रहे कोई भी पैसा जो आप बाजार में निवेश करते हैं वह वहां कम से कम 3 साल तक रहे, इस तरह कोई भी निर्णय लेने के पहले यह सारी बातें और विकल्प को ध्यान में रखें।
बचत व निवेश में क्या अंतर ,कौन ज्यादा महत्वपूर्ण है?-
हम समझते हैं कि बचत और निवेश एक ही बात है, यह जरूरी नहीं दोनों आपकी वित्तीय लक्ष्यों के लिए निर्णायक हो , दोनों में आपको अपना पैसा अलग निकाल कर रखना होता है, पर उद्देश्य भिन्न होते हैं।
बचत उसे कहते हैं जिसमें आप थोड़ा थोड़ा पैसा जोड़कर बड़ा फंड बनाते हैं ताकि अल्पकालिक जरूरतें पूरी की जा सके, जैसे हम बचपन में कॉमिक बुक खरीदने के लिए पिगी बैंक में पैसा लगाते थे , यह एकदम सही उदाहरण है. यदि आपके ध्यान में आया हो तो हमने कभी उस पर कमाई जाने वाली ब्याज दर अथवा उस पैसे पर मिलने वाले रिटर्न पर गौर नहीं किया।
कैश सेविंग अकाउंट अथवा करंट अकाउंट में रखा पैसा बचत कहलाता है। दूसरी तरफ निवेश में किसी वित्तीय फायदे अथवा किसी निश्चित अवधि में पैसा बढ़ने की उम्मीद से किसी निवेश माध्यम में पैसा लगाने की वचन बध्याता होती है। जैसे - म्यूचुअल फंड शेयर और सोने में पैसा लगाना।
जहां रिटर्न निश्चित नहीं होता निवेश कहलाता है, रिटन कंपनी के प्रदर्शन मार्केट की स्थिति और आम आर्थिक मनोभाव पर निर्भर होता है।
बचत वर्तमान और निवेश भविष्य के लिए होता है। पहली बात तो अपने उद्देश्य की पहचान है, आप अपने पैसे का निवेश या उसकी बचत क्यों करना चाहते हैं ,गौर करें की आपके लक्ष्य कैसे अल्पकालिक, मध्यम अथवा दीर्घ अवधि है। अल्प अवधि लक्ष्य आपातकालीन परिस्थितियों और अचानक आने वाले खर्च के लिए बचत करना बुद्धिमानी है ,क्योंकि तब यह पैसा तत्काल उपलब्ध रहता है इससे छोटे लक्ष्य प्राप्त करना आसान हो जाता है, लेकिन दीर्घ अवधि में अपनी बदलती प्राथमिकताओं और मुद्रा स्पीति को देखते हुए रिटायरमेंट अथवा बच्चे की शिक्षा जैसे लक्ष्यों के लिए बचत कम पड़ सकती है।
रणनीति बहुत आसान है, एक वित्तीय कुशन बनाकर खुद को अनपेक्षित लागत और अल्पकालिक जरूरतों के खिलाफ संरक्षित कीजिए ,इससे जहां आपका पैसा ऐसी जगह सुरक्षित रहेगा जहां आप कभी भी पहुंच सकते हैं और वहां मंथली ब्याज भी मिल रहा होगा एक बार यह वित्तीय सुरक्षा हो जाए तो फिर भविष्य के लिए निवेश करना शुरू करें , याद रहे कोई भी पैसा जो आप बाजार में निवेश करते हैं वह वहां कम से कम 3 साल तक रहे, इस तरह कोई भी निर्णय लेने के पहले यह सारी बातें और विकल्प को ध्यान में रखें।
महिला निवेशक के लिए पांच महत्वपूर्ण बातें -
शोधकर्ताओं का कहना है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं द्वारा निवेश के फैसले करने की संभावना कम होती है, लेकिन बढ़ते समय के साथ महिलाओं ने निवेश संबंधी मामलों की बारीकियों पर गौर कर अपना दृष्टिकोण बनाना शुरू कर दिया है। फिर भी अपने सारे बचतों के लिए आप इन बातों पर ध्यान रखें -- खुद को निवेश की बुनियादी बातों पर शिक्षित करें -आपको निवेश पर आत्मविश्वास हासिल करने की जरूरत है यह निवेश के बारे में अधिक जानने से आता है, अपना पहला निवेश करने के पहले रिसर्च जरूर करें, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप विधिवत रिसर्च किए बगैर आगे नहीं बढ़ेंगी।
- अपने पूर्वागृह के खिलाफ जाएं चाहे - महिलाएं आत्मविश्वास के साथ अपने घरेलू बजट का प्रबंधन करती हैं, लेकिन उन्हें भरोसा नहीं होता कि वह सही वित्तीय निवेश चुन सकती हैं, पहला कदम उठाते हुए अपने भाई को शेयर बाजार में निवेश में बाधक नहीं बनने देना चाहिए ,इसके लिए आपको अपने पूर्वा गृह के विपरीत काम करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
- एक ही जगह शेयर बाजार स्थिर हो सकता है - इसलिए जोखिम घटाने की कुंजी है विभिन्न असेट्स क्लास में डायवर्सिफिकेशन यानी निवेश के विभिन्न माध्यमों का इस्तेमाल करें।
- लंबी अवधि के लिए निवेश करें , शेयर बाजार में निवेश - निवेश की वैल्यू कम ज्यादा हो सकती है इसलिए आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप लंबी अवधि के लिए निवेश करें ताकि सर्वोत्तम परिणाम मिले आप जहां तक पहुंचे हैं उसमें आप ने कड़ी मेहनत लगाई है, इसलिए हमें उम्मीद है कि इन टिप्स से आपको वित्तीय निर्भरता प्राप्त करने में दूरगामी मदद मिलेगी जो भी हो या आपकी गाढ़ी कमाई और आपके भविष्य की बात है|
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