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फिक्स्ड डिपाजिट

भविष्य की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए फिक्स्ड डिपाजिट एक अच्छा स्रोत है क्योकि इसमें काम रिस्क के साथ - साथ अच्छा रिटर्न भी मिलता है।  इसके अलावा जरुरत पड़ने पर फिक्स्ड डिपाजिट को तोड़कर आसानी से अपना पैसा वापस निकाला ( निकाशी) की जा सकती है। 
फिक्स्ड डिपाजिट तोड़ने पर निर्धारित दर से कुछ कम ब्याज हमें मिलता है।  आज यहाँ पर हम कुछ  बैंक की ऐसी  फिक्स्ड डिपाजिट स्कीम के बारे में बता रहे है जो कि 8 फीसदी से ज्यादा ब्याज देती है। 


  1. Equitas Small Finance Bank Limited - इक्विटास स्माल फाइनेंस बैंक लिमिटेड -

यह बैंक 12 महीने से 18 महीने वाली फिक्स्ड डिपॉज़िट पर 8. 50 फीसदी की दर से ब्याज देता है।  जबकि , 18 महीने से ज्यादा और 24 महीने से कम वाली फिक्स्ड डिपाजिट  स्कीम पर ग्राहकों को 8 . 75 फीसदी की सालाना ब्याज मिलती है।  इसके आलावा २ साल से ३ साल की समयावधि वाली फिक्स्ड डिपाजिट स्कीम पर बैंक ग्राहकों को 8. 80 फीसदी की दर से ब्याज देता है।  बैंक द्वारा सामान्य फिक्स्ड डिपाजिट स्कीम पर दी जाने वाली यह सबसे ऊँची ब्याज दर है।  इसके आलावा वरिष्ठ नागरिको को बैंक 0. 75 फीसदी ब्याज दर अलग से देता है। 

     2.  ESAF Small Finance Bank Limited -  इ यस ए फ स्माल फाइनेंस बैंक - 


सामान्य फिक्स्ड डिपाजिट पर इस बैंक की सबसे ऊँची ब्याज दर 8. 75 फीसदी सालाना है , जो 365 से 727 दिन तक रकम फिक्स्ड करने पर मिलता है।  हालाँकि इसके लिए फिक्स्ड की गई रकम एक करोड़ रुपये से कम होने चहिये।  इसके आलावा 729 दिनो से 1091 दिनों वाली फिक्स्ड डिपाजिट स्कीम में बैंक वरिष्ठ नागरिको को 0. 50 फीसदी अतिरिक्त ब्याज देता है। 

    3. IDFC Bank Limited - आई डी एफ सी  बैंक -


यह बैंक एक करोड़  से कम धनराशि वाली फिक्स्ड डिपाजिट पर ग्राहकों को आकर्षक ब्याज देता है।  बैंक 731 दिन से 1095 दिन वाली फिक्स्ड डिपाजिट स्कीम पर ग्राहकों को 8 फीसदी की दर से ब्याज देता है।  इसके अलावा 3 साल से ज्यादा और 10 साल तक की समयावधि वाली फिक्स्ड डिपाजिट स्कीम पर बैंक ग्राहकों को 8.25 फीसदी की दर से ब्याज देता है।  वरिष्ठ नागरिको को फिक्स्ड डिपाजिट स्कीम पर बैंक की तरफ से 0.50 फीसदी अतिरिक्त ब्याज अदा  की जाती है।




    4. जना स्माल फाइनेंस बैंक -


3 नवम्बर से प्रभावित हुई ब्याज दरो के अनुसार यह जना स्माल फाइनेंस बैंक एक करोड़ रुपये से कम और 180 दिन से अधिक और 5 साल से कम समयावधि वाली सभी फिक्स्ड डिपाजिट स्कीम पर 8.50 फीसदी की दर से ब्याज देता है।  बैंक दवारा वरिष्ठ नागरिको को 0.60 फीसदी की दर से अतिरिक्त ब्याज भी दी जाती है। 

    5.  लक्षमी विलाश बैंक -


यह बैंक एक करोड़ रुपये से कम धनराशि वाली 450 दिन की सामान्य फिक्स्ड डिपाजिट स्कीम पर ग्राहकों को 8.0 फीसदी की दर से ब्याज देता है।  इसके आलावा 1 साल से 449 दिनों और 451 दिनों से 3 साल से कम समयावधि वाली फिक्स्ड डिपाजिट पर ग्राहकों को बैंक की तरफ से 7.60 फीसदी की दर से ब्याज अदा की जाती है।  बैंक 3 साल से 10 साल की समयावधि वाली फिक्स्ड डिपाजिट पर ग्राहकों को 7.75 फीसदी की दर से ब्याज देता है।  इसके अलावा वरिष्ठ नागरिको को बैंक की तरफ से 0.60  फीसदी की दर से अतिरिक्त ब्याज भी मिलता है।



     6 . वरिष्ठ नागरिको को 0.75 फीसदी अतिरिक्त ब्याज देता है - बंधन बैंक - 


प्राइवेट सेक्टर का यह बैंक एक करोड़ रुपये से कम धनराशि और 12 महीने से 18 महीने वाली फिक्स्ड डिपाजिट स्कीम पर सामान्य ग्राहकों को 7.25 फीसदी की दर से ब्याज देता है।  वही 18 महीने से ज्यादा और 24 महीने से कम वाली स्कीम पर ग्राहकों को मिलने वाली सालाना ब्याज 7.55 फीसदी की दर से मिलती है।  इसके आलावा 2 साल से ज्यादा और 5 साल से कम समयावधि वाली स्कीम पर बैंक ग्राहकों को 7.40 फीसदी की दर से ब्याज अदा करता है।  बैंक अपनी सभी फिक्स्ड डिपाजिट स्कीम में वरिष्ठ नागरिको को सामान्य स्लैब के अलावा 0.75 फीसदी अतिरिक्त ब्याज भी देता है। 

     7. आई सी आई सी आई  बैंक -
आई सी आई सी आई बैंक ने एफडी पर ब्याज दरें 0.25% तक बढा दी है,  नई दरे 15.11.2018 से लागू हो गई है. 3 साल तक की अवधि के लिए एक करोड़ रुपये तक के डिपाजिट पर 7.25 की जगह 7.50% ब्याज मिलेगा |
बैक ने एक साल से 389 दिन के जमा पर ब्याज दरें 0.15% बढाई है |

कारपोरेट एफडी

 ज्यादातर लोग एफडी का मतलब बैंक एफडी ही समझते हैं , लेकिन बैंक के अलावा कारपोरेट यानी कंपनी एफडी का भी विकल्प है| कारपोरेट एफडी के तहत कंपनियां अपनी जरूरतों के लिए पूंजी जुटाने के मकसद से आम लोगों को निश्चित अवधि के लिए निवेश का ऑफर देती है| बदले में कंपनियां निवेशक को फिक्स ब्याज देती हैं |कंपनियों को बैंक या अन्य वित्तीय संस्थानों से लोन लेने पड़ते हैं और उस पर ज्यादा ब्याज लगभग 15 से 20 फ़ीसदी देना पड़ता है| ऐसे में उनके लिए आम जनता के बीच सीधे जाकर कारपोरेट एफडी के जरिए पैसा जुटाना फायदेमंद है |सामान्यतः कारपोरेट एफडी पर बैंक एफडी के मुकाबले 2 फ़ीसदी तक ज्यादा ब्याज मिलता है| यही वजह है कि कारपोरेट एफडी बैंक एफडी के मुकाबले ज्यादा आकर्षित करती है |लेकिन आम निवेशक को कारपोरेट एफडी में निवेश करते समय रिटर्न के अतिरिक्त रिस्क पर भी ध्यान देना चाहिए |आइए जानते हैं कि कारपोरेट एफडी में निवेश करने से पहले किन बातों का जानना जरूरी है |
कंपनी एफडी की रेटिंग - सिर्फ ज्यादा ब्याज देखकर किसी कंपनी की एफडी में निवेश करने का फैसला ना करें |ब्याज के साथ कंपनी एफडी का क्रेडिट रेटिंग जरूर देखें |क्रिसिल, इक्रा और केयर रेटिंग्स कुछ ऐसी रेटिंग एजेंसियां है जिनकी रेटिंग मायने रखती है |सबसे बेहतर रेटिंग एएए इसलिए एएए रेटिंग वाली कंपनियों में एफडी करना ज्यादा बेहतर है|
कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड - निवेश करने से पहले रेटिंग देखना एकमात्र कसौटी नहीं होनी चाहिए| कंपनी का बैकग्राउंड  यानी पुराना परफॉरमेंस, मौजूदा आर्थिक स्थिति को लेकर भी ठीक से जांच पड़ताल कर ले| ज्यादा कर्ज वाली यानी डेट वाली कंपनियों की एफडी मे निवेश से बचें |कंपनी के ब्याज और प्रिंसिपल अमाउंट के पेमेंट  का ट्रेक रिकार्ड भी जरूर देखें | साथ ही हो सके तो कंपनी का इंटरेस्ट कवरेज रेश्यो, डेट टू  सेल्स रेश्यो  और ऐसेट टर्नओवर रेश्यो  को भी थोड़ा समझने की कोशिश करें |
मिनिमम गारंटी -
कारपोरेट एफडी, बैंक एफडी जितनी  सुरक्षित नहीं है |बैंक एफडी के लिए आरबीआई एक कस्टमर को अधिकतम ₹100000 तक के डिपॉजिट पर गारंटी प्रदान करता है ,जबकि कंपनी के दिवालिया होने की स्थिति में निवेशक की एफडी ( कारपोरेट एफडी)  की रकम के डूबने का खतरा रहता है |हालांकि कंपनी एक्ट 2013 के तहत कारपोरेट एफबी पर भी ₹20000 तक के बीमा का प्रावधान किया गया है, लेकिन कंपनियां कम ही अमल करती हैं |
टैक्सेशन-
सालाना ₹5000 की राशि से ज्यादा के ब्याज पर आपको कंपनी एफडी पर टीडीएस देना होगा ,जबकि बैंक एफडी में यह सीमा ₹10000 की है| अगर जमाकर्ता की सालाना आय टैक्स में छूट की सीमा से कम है तो उसे वित्त वर्ष के शुरु मे ही 15जी या 15एच फार्म भरकर कम्पनी के पास जमा करना होगा |

जोखिम कम करने ,एवरेजिंग और बेहतर लिक्विडिटी के लिए आप लैडरिंग स्ट्रैटजी का इस्तेमाल कर अपने इन्वेस्टमेंट अमाउंट को अलग-अलग कंपनी के अलग-अलग मेच्योरिटी वाले एक से अधिक एफडी में इन्वेस्ट कर सकते लैडरिंग  स्ट्रेटजी की मदद से इन्वेस्ट करने पर आपको रेगुलर इंटरवल पर लिक्विडिटी की सुविधा मिलेगी और लंबे समय में एक नियमित रियल रेट ऑफ रिटर्न भी मिलता रहेगा| वहीं ,अगर आप कम रेटिंग वाली कंपनियों की एफडी में निवेश करना भी चाहते है तो शार्ट टर्म के  लिए करें |बेहतर रेटिंग वाली कंपनी एफडी में भी ज्यादा से ज्यादा 3 साल के लिए ही निवेश करें|

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