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टैली में जी एस टी कैसे सक्रिय करे ( Activate GST in Tally ERP / Prime)

 Tally Software की वास्तविक सफलता की शुरुआत तब होती है , जब भारत सरकार ने वर्ष 2016  में जी इस टी की शुभारम्भ करने की घोषणा की , यह Accounting software Companies के लिए एक सुअवसर की तरह था , और टैली ने इसे हाथो हाथ ले लिया , और 2016 में  टैली सॉल्यूशंस को नए माल और सेवा कर (जीएसटी) सर्वर और करदाताओं के बीच इंटरफेस प्रदान करने के लिए जीएसटी सुविधा प्रदाता के रूप में चुना गया था, और 2017 में, कंपनी ने अपना अद्यतन जीएसटी अनुपालन सॉफ्टवेयर  -  Tally ERP 9 (version 6) को लांच किया। 

जी एस टी की एकाउंटिंग , उसकी return filling की जैसी सुविधा टैली में थी , उस समय अन्य Software में नहीं थी , अन्य software  जी एस टी की सुबिधा Lunch करने की प्रक्रिया में थे और टैली ने उनसे  काफी पहले इसे बाजार में लाकर नंबर वन बन गया। 

टैली प्राइम में GST सक्रीय करने के लिए आप को निम्न कदम उठाने पड़ते है -

तत्पश्चात आपको Tally में GST Activate करना पड़ेगा , उसके लिए आप  Gate way of Tally पर F11 दबाये। उसमे Taxation के Column में Enable Goods and Services Tax (GST) को YES करे। इसके बाद एक दूसरी Window आएगी - 

  • सबसे पहले अपने राज्य  नाम Select करे , इससे Tally Software  को Local और Interstate Transaction पहचानने में मदद मिलेंगी। जीएसटी विवरण स्क्रीन में राज्य का नाम हम बाद में बदला जा सकता है और यह परिवर्तन कंपनी मास्टर को प्रभावित करेगा। एक बार कंपनी की स्थिति बदल जाने के बाद मौजूदा लेनदेन का असर होगा। इस आशय के उपयोगकर्ताओं को सूचित करने के लिए, राज्य का नाम बदलने पर एक चेतावनी संदेश प्रकट होता है.
  • उसके पश्चात  Registration Type में Regular का चयन करे , यदि आप Composte Dealer है , तब आप  Composition का चयन करे। 
  • अगला कॉलम है - Assesses of other Territory . यदि आपकी व्यावसायिक इकाई विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (अन्य क्षेत्र) में स्थित है, तो अन्य क्षेत्र के निर्धारिती को हाँ के विकल्प सेट करें।
  • फिर आता है GST Applicable from - इसके अंतर्गत आपका  Transaction जिस Date से शुरू हुआ , आप वह Date प्रविस्ट करोंगे। 
  • GSTIN/UIN - यहाँ पर आप अपना  GST नंबर प्रविस्ट करेंगे , यही नंबर आप के Invoice पर आपका GST नंबर के रूप में दिखेगा।  
  • Periodicity of GSTR-1- आप अपने Business Turnover  आधार पर अथवा  यदि आप अपना GSTR-1 तिमाही भरते है तो यहाँ Quarterly चुनेगे अन्यथा Monthly. 

INVOICE FEATURES-

  • यहाँ पर आप सबसे पहले E-Way Bill की आवस्यकता को Yes करे , तत्पश्चात आपके व्ययसाय पर वह कब से लागु हुआ उसकी तिथि दर्ज करे , तत्पश्चात उसकी लागु होने की सीमा क्या है ( Threshold Limit) यह आप जी एस टी रूल के हिसाब से दर्ज करे जैसे अभी सीमा रु 50,000 है तो अभी हम यह तय करेंगे। 
  • Applicable for Interstate - यदि यह आप के राज्य में लागु होता है तो आप इसे YES करे। 
  • E-Invoicing applicable - इसी जगह ई -इन्वॉइसिंग की सुविधा चालू करने का विकल्प भी दिया गया है , यदि आप इसके सीमा में आते है तो आप इसे  YES करे।

ADDITIONAL FEATURES -

  •  अग्रिम प्राप्तियों पर कर देयता की गणना को सक्रिय करने के लिए अग्रिम प्राप्तियों पर कर देयता सक्षम करें विकल्प को हाँ पर सेट करें। यह विकल्प डिफ़ॉल्ट रूप से अक्षम है।
  • यूआरडी खरीद पर रिवर्स चार्ज के लिए कर देयता की गणना को सक्रिय करने के लिए विकल्प को रिवर्स चार्ज (अपंजीकृत डीलर से खरीद) पर कर देयता सक्षम करें विकल्प सेट करें। डिफाल्ट रूप में यह विकल्प निष्क्रिय है.
  • SET ALTER GST RATE DETAILS - विकल्प सक्षम करें, 
  • Enable GST Classification - मास्टर्स के जीएसटी विवरण स्क्रीन में वर्गीकरण बनाने और उपयोग करने के लिए  जीएसटी वर्गीकरण को सक्षम करें ।
  • एलयूटी/बॉन्ड नंबर और वैधता अवधि दर्ज करने के लिए विकल्प सेट करें - हां और फिर  एलयूटी/बॉन्ड का  विवरण प्रदान करें ।

कम्पोज़िट डीलर के लिए ( For Composit Dealer)-

निम्न के अतिरिक्त बाकी विकल्प उपरोक्त की तरह ही भरा जायेंगा -

एडिशनल फीचर्स (Additional Features)-


  • TAX RATE OF TAXABLE TURNOVER - अपने व्यवसाय के प्रकार के आधार पर, कर गणना के लिए आधार चुनें। जावक आपूर्ति के लिए, कुल कर योग्य, छूट प्राप्त और शून्य दर को कर योग्य मूल्य माना जाएगा। आवक आपूर्ति के लिए, रिवर्स चार्ज के तहत की गई खरीद के कुल मूल्य को कर योग्य मूल्य माना जाएगा।
  • BASIS FOR TAX CALCULATION -कर की गणना -कर योग्य, छूट और शून्य रेटेड मूल्य में  की जाएगी। -  कर योग्य, छूट प्राप्त और शून्य रेटेड बिक्री का कुल और रिवर्स चार्ज को आकर्षित करने वाली कुल खरीद।
  • ENABLE TAX RATE FOR PURCHASE - खरीद के लिए कर की दर का  विकल्प सेट करें अथवा  सक्षम करें इसके अंतरगत रिवर्स चार्ज के तहत खरीदारी भी शामिल है.
अब आप Ctrl+A दबा कर इसको SAVE कर ले। 

इसके पश्चात अब आपके टैली पर GST सक्रीय हो गया है , अब आप अपने टैली के गेट वे आफ टैली के Display more reports पर क्लिक करे , अब आपको Inventory Report के निचे एक नया Report दिखाई देगा -

वैधानिक रिपोर्ट (STATUTORY)  -

इस Report  Section  में आप अपने जी एस टी  और TDS से सम्बंधित रिपोर्ट देख सकते है। आप इसके Return भी submit कर सकते है। यहाँ पर टैली आपके द्वारा किये गए Ledger Creation  और voucher entry में किये गए गलतियों को भी बताता है , आपके द्वारा Generate किये हुए E -way बिल और E -Invoice को देख सकते है , उनकी दिक्कतों तो दूर भी कर सकते है , इस saction को विस्तार से हम देखेंगे -  Tally  के GST Report को कैसे उपयोग में लाये . में , उससे पहले हम Tally  में GST के अनुसार Ledger Creation  और Voucher Creation कैसे किया जायेगा , यह देखेंगे - 

टैली में GST के अनुसार Ledger Creation कैसे करे - (How to Create Ledger as per GST)-

Tally में हम जब Master Creation में जाते है , तब वहाँ हम Accounting Master  के अन्तर्गत Ledger को पाते है , यहाँ हम टैली में Ledger  ( खाता ) खोलते है , जो किसी भी पार्टी का, खर्च का , आमदनी का , बैंक का इत्यादि हो सकता है , वैसे साधारण Ledger  को खोलने के लिए हमे पार्टी का नाम और उसके ग्रुप का अर्थात् पार्टी क्रेडिटर है तो क्रेडिटर के ग्रुप में और डेबिटर है तो डेब्टर्स के ग्रुप में जाना चाहिए , इसके पश्चात उसका पता , बैंक का विवरण , PAN नंबर , GST नंबर डालना होता है , लेकिन GST के अंतर्गत हमें Ledger में GST विवरण खास तरीके से , और सावधानी से डालनी पड़ती है क्योकि उसका असर आगे के रिपोर्ट जेनेरशन को प्रभावित करता है। 


जीएसटी लेजर बनाएं (Create GST Ledgers)-

आइये सबसे पहले हम देखते है की GST कर क्या है , कौन से है और कितने प्रकार के है , GST के बारे में जानकारी आप यहाँ प्राप्त कर सकते है - GST क्या है , GST Return भरने की विधि। 

हम यहाँ पर टैली में GST के अंतर्गत Ledger Creation  और Voucher Creation के बारे में जानेगे।  आप टैली के अंतर्गत  जीएसटी  (केंद्रीय कर, राज्य कर, केंद्र शासित प्रदेश कर, एकीकृत कर और उपकर) के  विभिन्न करों का हिसाब कर सकते हैं, जिसके लिए आपको प्रत्येक कर प्रकार के लिए जीएसटी लेजर या टैक्स लेजर बनाने की जरूरत है। सबसे पहले हम सीखेंगे कि केंद्रीय कर का खाता  कैसे बनाये। 


सेंट्रल टैक्स लेजर (Central Tax Ledger)-

  1. गेटवे आफ टैली पर सबसे ऊपर Masters के अंतर्गत आपको Crate  का ऑप्शन नजर आयेंगा , आप इस पर क्लिक करे। अब आप एकाउंटिंग मास्टर में Ledger ऑप्शन पर क्लिक करेंगे।  ( In Short - press Alt+G (Go To) > Create Master > type or select Ledger)
  2. Ledger में सबसे पहले आता है "Name " अर्थार्थ जिस कर का खाता हम बना रहे है उसका नाम लिखना है , यहाँ हम Central  Tax का खाता बना रहे है , इसलिए नाम में लिखेंगे - CENTRAL TAX . 
  3. तत्पश्चात आता है - "UNDER " यहाँ टैली पूछता है की उपरोक्त Ledger किस ग्रुप से सम्बंधित है , तो कर का खाता हमेशा " Duties and Taxes " ग्रुप के अंतर्गत आता है , तो आप यहाँ  " Duties and Taxes " चुनते है। 
  4. तत्पश्चात आता है "Type of Duty/Tax "- यहाँ टैली आप से जानना चाहता है कि उपरोक्त टैक्स किस प्रकार का है ,  यहाँ पर आपको Option चुनने को मिलता है - GST , Other , TDS . तो आप यहाँ इन तीनो में से GST को चुनेगे। 
  5. फिर आता है " Tax Type " , यहाँ पर टैली यह पूछता है कि GST के अंतर्गत यह किस प्रकार का टैक्स है , क्योकि GST के अंतर्गत भी निम्न कर का वर्गीकरण किया गया है - केंद्रीय कर, राज्य कर, केंद्र शासित प्रदेश कर, एकीकृत कर और उपकर। हम यहाँ पर केंद्रीय कर का Ledger  बना रहे है तो हम यहाँ " Central Tax " चुनेगे। 
  6. Percentage of Calculation - कुछ विशेष स्थिति में यहाँ पर हम टैक्स रेट भरते है , वैसे अभी इस समय हम इसे Blank रखेंगे। 
  7. Rounding Method - यहाँ पर हमे चार option मिलते है - Not Applicable , Downward Rounding , Normal Rounding , Upward Rounding. आप अपनी एकाउंटिंग पालिसी के अंतर्गत इसमें से किसी को भी select कर सकते है , वैसे यह Bydefault "Not Applicable" रहता है। 
तत्पश्चात और कॉलम को हम Blank रखते है और Enter Key या Ctrl+A से इस ledger को हम Save करेंगे। 
आप इन्ही रूल्स को फॉलो कर के राज्य कर, केंद्र शासित प्रदेश कर, और उपकर का भी Ledger Create कर लेंगे। 
इसमें आपको सिर्फ Cess का Ledger थोड़ा अलग प्रकार से बनाना है , इसके अंतर्गत आप जब Tax Type - Cess चुनते है तब एक नया ऑप्शन ओपन होता है  - Valuation Type . 
Valuation  Type के अंतर्गत टैली आपसे जानना चाहता है कि GST Cess Tax  का valuation किस प्रकार करना है - Quantity के ऊपर या Value के ऊपर। 

यूटी टैक्स लेजर

यदि आपका व्यवसाय एक केंद्र शासित प्रदेश में स्थित है, या आप अन्य क्षेत्र के एक निर्धारिती हैं और कंपनी जीएसटी विवरण स्क्रीन में इस विकल्प को सक्षम किया है, तो आप यूटी टैक्स लेजर बना सकते हैं। इसके अंतर्गत भी आप उपरोक्त के भाति ही Ledger Create करेंगे , बस Tax Type में UT Tax सेलेक्ट करना है। 

इस प्रकार आप टैली में GST Tax के अंतर्गत आने वाले सभी करो का कर खाता  तैयार कर लेते है , यहाँ आपको यह ध्यान देना की टैली में आपको विभिन्न कर के दरों के हिसाब से खातों को अलग - अलग तैयार नहीं करना है , टैली GST के विभिन्न करो को इसके स्टॉक ledger में Define किये गए करो की दर के हिसाब से लेता है , इसको हम आगे पढ़ेंगे। 

  1. जीएसटी के लिए पार्टी लेजर कैसे बनाएं।
  2. GST के लिए सर्विस लेज़र अपडेट करें।
  3. जीएसटी के तहत व्यय, आय, गैर-राजस्व खातों, इनवॉइस राउंडिंग के लिए लेजर।
  4. GST के लिए स्टॉक आइटम और स्टॉक समूह अपडेट कैसे करें।
  5. TallyPrime में स्टॉक ग्रुप और स्टॉक आइटम के लिए GST दर कैसे सेट करें।
  6. टैलीप्राइम में एचएसएन कोड/सैक और टैक्स की दरें प्रबंधित करें।


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