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HOW TO CREATE PAY HEAD S IN PAYROLL IN TALLY PRIME

 टैली प्राइम के PAYROLL में PAY HEAD कैसे CREATE करे - PAY HEAD का अर्थ है वेतन के अलग -अलग मद हे जिसके अंतर्गत एक कंपनी अपने कर्मचारी को भुगतान करती है - 

आजकल कम्पनियाँ वेतन का भुगतान किसी एक मद  में न कर के , कई मदो में करते है , इसके पीछे कई क़ानूनी बाध्यताएं होती है , उसकी चर्चा हम आगे करेंगे , अभी हम उन PAYHEADS को CREATE करना सिखाते है जो कि  सामान्यतः सभी अपने संस्थानों में इस्तेमाल करते है। 

1. BASIC PAY -

इसे हम बेसिक सैलरी ( Basic Salary) भी कहते है , यह हमारे CTC का मुख्य हिस्सा है , जिसके ऊपर हमारे सैलरी में शामिल अन्य मदो की गरणा होती है , यह आम तौर पर CTC ( कास्ट टू  कंपनी ) की 40% से 50% तक होती है।  इसी के ऊपर बोनस , पीएफ , ग्रेचुरिटी जैसे अन्य दिए जाने वाले लाभों की गरणा की जाती है। 
इसको टैली में बनाने के लिए हम Payroll Master में जाकर PAY HEAD को सेलेक्ट करते है। उसके बाद टैली हमें एक BLANK फॉर्म दे देती है भरने के लिए , उसे हम अपने आवस्यकता के अनुसार भरते हे - 



एक पूर्ण भरा हुआ Form आपके लिए यहाँ संग्लन है , इसी तरह आप भी अपने फॉर्म को भर कर BASIC SALARY PAY HEAD को CREATE कर सकते हे , 

यहाँ INCOME TYPE में FIXED इसलिए है , क्योकि इस PAY HEAD में एक निश्चित राशि आपको दी जाती है जिसमे कटौती आपके उपस्थिति के ऊपर निर्भर करता है , और बढ़ोतरी आपके APPRAISAL के ऊपर। 

चुकी इसकी राशि की गरणा आपके CALENDAR PERIOD के ऊपर निर्भर करता है , इसलिए आप अपने COMPANY के HR POLICY के अनुसार पहले से CALENDAR CREATE कर ले। 



2. HOUSE RENT ALLOWANCE (HRA)-

यहाँ इस PAY HEAD में ALLOWANCE शब्द जुड़ा है , अर्थार्थ यह एक भत्ता है , इसका नाम हाउस रेंट अलाउंस इसलिए हे क्योकि यह नियोक्ता द्वारा अपने कर्मचारी को , उनके घर का किराया चुकाने के लिए दिया जाता है , इस मद के द्वारा नियोक्ता अपने कर्मचारियों के रहने का खर्च वहां करता है , यह सामान्यतः कर्मचारी के BASIC SALARY का 50% तक होता है।  


उपरोक्त प्रदर्शित आकणे सिर्फ उदहारण है आप अपने आवश्यकता नुसार इसमें फेर बदल कर सकते है। चुकि HRA की दर प्रतिशत में तय होती हे और यह पूरी तरह अपने BASIC PAY पर आधारित होता है इसलिए इसका CREATION हम AS COMPUTED VALUE के अंतर्गत करते है और जब हम AS COMPUTED VALUE को चुनते है तब इसके दाहिने और एक WINDOW और खुल जाता है जिसमे हम वो FORMULA तय कर सकते है जिससे HRA का CALCULATION हो सके। 

3. महंगाई भत्ता ( DEARNESS ALLOWANCE) - 

यह नियोक्ता अपने कर्मचारी को दिनों दिन बढ़ती महंगाई का सामना करने के लिए कर्मचारी के बेसिक सैलरी के तय प्रतिशत के हिसाब से दिया जाता है।  इसका मुख्य उद्देश्य महंगाई से निबटना है , DA हर कर्मचारी के लिए उसके कार्यस्थल के मुताबिक अलग - अलग होता है , अर्थाथ यदि आप दिल्ली में है तो आपका DA जयपुर  या लखनऊ में कार्यरत किसी कर्मचारी से अलग होगा।  
महंगाई भत्ता लिविंग कॉस्ट के आधार पर तय होता है इसलिए यह शहरी , अर्ध शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए अलग - अलग तय होता है।  
महंगाई भत्ता केंद्रीय कर्मचारियों के लिए आल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स ( AICPI) के सालाना औसत को सौ से गुणा करके इसकी गरणा की जाती है , 


यह अपने बेसिक सैलरी का लगभग 40% होता है , इसे TALLY PRIME में उपरोक्त दिखाए गए चित्र के अनुसार CREATE कर सकते है। 

4. परिवहन भत्ता ( TRANSPORT ALLOWANCE)-

यह भत्ता नियोक्ता अपने कर्मचारी को उसके निवास स्थान से कार्यस्थल तक आने व् जाने के होने वाले खर्चो के क्षतिपूर्ति के लिए दिया जाता है , इस राशि की कोई सीमा सरकार के द्वारा निर्धारित नहीं है , अपितु INCOME TAX ACT के अंतर्गत इस मद में रुपये 1600 प्रति माह या रुपये 19200 प्रति वर्ष की छूट प्रदान की जाती है। 

इसे भी हम टैली में अन्य PAY HEAD के खातों के तरह तैयार कर सकते है। नीचे  दिए हुए उदाहरण में हम इसे बेसिक सैलरी का 10% लेते है। -



इसकी धनराशि का प्रतिशत आपके HR Policy के हिसाब से निर्धारित होता है , कोई Fixed फार्मूला नहीं है। 


5. बोनस ( BONUS)-

कर्मचारी को अपनी सैलरी में सबसे अच्छा यही PAY HEAD लगता है क्योकि यह उसके साल भर के PERFORMANCE के ऊपर कंपनी के द्वारा उसे प्रदान किया जाता है , एक कंपनी या संस्था अपने कर्मचारी को मोटीवेट करने या उसकी प्रोडक्टविटी बढ़ाने के लिए बोनस प्रदान करती है। 
भारत में इसके लिए एक कानून बनाया गया हे जिसे हम PAYMENT OF BONUS ACT,1965, के नाम से जानते है इसके अंतर्गत ऐसे फ़ैक्ट्री या संगठन जिसमे 20 या इससे अधिक कर्मचारी काम करते हैं , उन्हें बोनस का भुगतान करना अनिवार्य है। इसके अंतर्गत बोनस का भुगतान 8.33% की न्यूनतम दर से और 20% की अधिकतम दर से भुगतान किया जाना चाहिए।  एकाउंटिंग ईयर बंद होने के 8 महीने के अंदर इसका भुगतान हो जाना चाहिए। 
बोनस भुगतान की विधि -
  • यदि SALARY रुपये 7000 है या इससे काम है तब -  BONUS=SALARY*8.33/100
  • यदि SALARY रुपये 7000 से अधिक है तब - 7000*8.33/100
NOTE - यहाँ सैलरी का मतलब है - BASIC SALARY + DEARNESS ALLOWANCE

आप टैली में इसे इस तरह तैयार कर सकते है - 


आगे देंखे -


PAY HEAD - DEDUCTION IN SALARY-

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