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जॉब वर्क क्या होता है और जीएसटी में इसके क्या नियम है ? ( Job Work in GST )

 आज हम चर्चा करने जा रहे है की जॉब वर्क क्या होता है (WHAT IS JOB WORK) और जी एस टी में इससे संबंधित क्या नियम है ,( JOB WORK RULES UNDER GST) और कौन सी धाराऐं है , इस सम्बन्ध में इंटरनेट पर काफी कम जानकारी उपलब्ध है , इसलिए यहाँ आप उसके सम्पूर्ण नियम और अर्थ का अध्ययन कर सकते है।

जॉब वर्क क्या होता है ? (What is a Job Work)

यदि कोई व्यापारी या व्यक्ति अपने स्वामित्व का कोई वस्तु किसी दूसरे व्यक्ति या व्यापारी को देकर उस वस्तु का कोई मॉडिफिकेशन ( संशोधन ), या ऐसा कोई कार्य करवाता है जिससे उस वस्तु को पूर्णता प्रदान हो सके , तब उस व्यक्ति के द्वारा किया गया यह कार्य जॉब वर्क कहा जाएगा , और जिस व्यक्ति ने यह कार्य किया है वह जॉब वर्कर कहा जाता है। वह वस्तु जिसके स्वामित्व में है वह व्यक्ति प्रधान प्रमुख कहा जाता है।

जॉब वर्क की आवश्यकता क्यों है ?

आज का दौर में सफल होने के लिए किसी भी विषय या उत्पाद में पूर्ण दक्ष होना जरूरी है , और हर व्यक्ति प्र्तेक कार्य में पूर्ण दक्ष नहीं हो सकता है , और कुछ उत्पाद ऐसे होते है जिसमे कई प्रकार की कार्य कुशलता एवं दक्षता की जरुरत होती है , इसलिए उस कार्य को हम विभिन्न कार्य कुशल व्यक्ति की सहायता से पुर्ण बनाते है।

जैसे एक रेडीमेड कपडे के व्यापारी यदि कपडा खरीद कर , पूर्ण उत्पादन करना चाहे तो उसे कई तरह के प्लांट लगाने पड़ेंगे जैसे - कपडे रंगीन बनाने का प्लांट, कपडे की कटिंग करने का प्लांट , सिलाई करना, स्त्री करना जैसे कई कार्य उसे करना पड़ेगा , जबकि वह यह कार्य बिना अतिरिक्त प्लांट लगाए , विभिन्न जॉब वर्कर के माध्यम से करवा कर , कम समय में , कम लागत में एवं अधिक अच्छे उत्पाद का उत्पादन कर सकता है।

क्या जॉब वर्क जी एस टी एक्ट में आता है ?

जी हाँ। जी एस टी अधिनियम में इस पर काफी विस्तार से चर्चा की गई है , चुकी भारतीय अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख हिस्सा जॉब वर्क का है , इसलिए जॉब वर्क जी एस टी एक्ट से भी पहले एक्साइज एक्ट में भी शामिल रहा है , जी एस टी एक्ट में जॉब वर्क की परिभाषा सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 2(68) में दी गई है , इसके अनुसार " किसी अन्य पंजीकृत व्यक्ति के सामान पर किसी व्यक्ति द्वारा किया गया कोई भी उपचार या प्रक्रिया " जॉब वर्क कहलाता है , इसलिए, जॉब वर्कर वह व्यक्ति (पंजीकृत या अपंजीकृत) है जो किसी अन्य पंजीकृत व्यक्ति के माल का प्रसंस्करण या उपचार कर रहा है और यहाँ पर माल के मालिक को इस संबंध में प्रिंसिपल कहा जाता है।

और सीजीएसटी अधिनियम 2017 के धारा 19 में " प्रिंसिपल" की जिम्मेदारी दी गई है , इसके अनुसार वह -

  • इनपुट या पूंजीगत वस्तुओं के लिए, चालान नियमों के नियम 10 के अनुसार चालान जारी करता है।
  • इनपुट या पूंजीगत वस्तुओं का एकाउंट्स का रखरखाव रखता है।
  • इनपुट सामान के विवरण और जॉब वर्कर द्वारा उपलब्ध और तैयार मॉल का विवरण जी एस टी विभाग को उपलब्ध कराएँगे। 

एक निर्माता किसी भी समय अपना सामान जॉब वर्कर को भेज सकता है , चाहे वह शुरुआती चरण में हो , मध्यवर्ती  चरण में , या फिर पैकिंग और असेम्ब्लिंग के आखिरी चरण में हो। इसके अलावा , प्रमुख निर्माता कच्चा मॉल , अर्द्ध तैयार मॉल , या तैयार मॉल भी जॉब वर्क के लिए भेज सकता है।

जी एस टी के अंतर्गत जॉब वर्क सम्बन्धी नियम-

  • यदि माल की आपूर्ति करने वाला व्यक्ति कर योग्य मॉल की आपूर्ति कर रहा है तो उसे जी एस टी के अंतर्गत पंजीकृत होना चाहिए। हाँ , इससे आभूषण निर्माण जैसी प्रक्रिया को छूट प्राप्त है।  
  • पंजीकृत जॉब वर्कर द्वारा द्वारा जॉब वर्क पूरा होने के बाद माल की आपूर्ति को प्रिंसिपल द्वारा माल की आपूर्ति माना जाएगा। इसलिए, माल का मूल्य पंजीकरण जॉब वर्कर के कुल कारोबार में शामिल नहीं किया जाएगा।
Job Work पर जो माल भेजा गया है , वह निम्नलिखित समय सीमा के अंतर्गत प्रिंसिपल को प्राप्त हो जाना चाहिए , यह समय सीमा है -

  • RAW MATERIAL या SEMI FINISHED GOODS का लिए यह समय सीमा है - एक वर्ष , अर्थार्थ जिस तिथि को प्रिंसिपल माल को जॉब वर्कर को भेज रहा है उसको वह माल एक वर्ष के अंदर जॉब वर्कर द्वारा कार्य करके वापस कर देना चाहिए , अन्यथा समस्त माल को प्रिंसिपल के द्वारा बिक्री मान कर उस पर जी एस टी चार्ज किया जायेगा। 
  • यदि मॉल CAPITAL GOODS है , उस स्थिति vमें यह समय सीमा बढ़ कर ३ साल का हो जाता है। यहाँ पर भी यदि GOODS को PROCESS COMPLETE कर के जॉब वर्कर के द्वारा तीन वर्ष के अंदर वापस नहीं करने पर गुड्स को DEEMED SUPPLY मान कर उसपर जी एस टी आरोपित कर दिया जाएगा। 
  • अपवाद - यहां पर भी अपवाद स्वरूप - MOULDS, DIES, JIGS, FIXTURES, TOOLS पर कोई समय सीमा नहीं है। 
  • यदि जॉब वर्क के दौरान कोई अपशिष्ट और स्क्रैप ( waste or scrap ) निकलता है तो उसको प्रिंसिपल को वापस करने के लिए जॉब वर्कर जिम्मेदार नहीं होता है ,इसका निस्तारण जॉब वर्कर के यहां से किया जा सकता है। यदि जॉब वर्कर जीएसटी के तहत पंजीकृत है तो जॉब वर्कर ऐसे कचरे और स्क्रैप पर कर का भुगतान करेगा। यदि वह पंजीकृत नहीं है, तो प्रिंसिपल को लागू कर का भुगतान करना होगा।
  • जॉब वर्क के अंतर्गत समस्त कार्यो का लेखा जोखा , जी एस टी विभाग को जी एस टी आर - 4 रिटर्न के माध्यम से दिया जाता है , इस रिटर्न को सम्बंधित माह की समाप्ति के पश्चात आने वाले माह के 25 तारीख से पहले भरा जाता है। 

क्या कहती है जीएसटी अधिनियम धारा 143 और धारा 19

जीएसटी अधिनियम धारा 143 और धारा 19 में जॉब वर्क के बारे मे दिशा निर्देश दिये गए है ।

Manufacturers, Traders या Service Providers कोई भी registered person जो अपना GOODS supplier से मंगाते है, चाहे वह माल Capital Goods हो या Input हैं , वह चाहें तो GOODS सीधे अपने गोदाम में ला सकता है, चाहे तो माल को सीधे जॉब वर्कर को भेज सकता है ।

अब यहाँ धारा 19 के अंतर्गत इन दोनों ही स्थिति में उपरोक्त registered person को उस गुड्स का Input credit मिलेगा।

अब यदि गुड्स सीधे अपने गोदाम से जॉब वर्कर को भेज रहे है , उस स्थिति में आपको डिस्पैच के लिए नियम 55 के तहत चालान बनाना होगा। और यदि ई-वे बिल के सीमा में है तो ई-वे बिल भी बनाना होगा। यदि जॉब वर्कर को इंटर स्टेट सप्लाई है तब तो ई-वे बिल बनाना ही होगा।

याद रखे, गुड्स जब जॉब वर्कर के पास जाएगा तो बिना कर के ( Without Tax) जाएगा, उस पर जीएसटी चार्ज नहीं होगा ।

जॉब वर्क कम्पलीट करने के पश्चात गुड्स को कैसे भेंजे-

और जॉब वर्कर के द्वारा जॉब वर्क कम्पलीट करने के पश्चात आप गुड्स को जॉब वर्कर से सीधे अपने गोदाम में मंगा सकते है, जॉब वर्कर से दूसरे जॉब वर्कर को गुड्स भेज सकते है और जॉब वर्कर से सीधे अपने कस्टमर को Sale भी कर सकते है या गुड्स को सीधे कस्टमर को भेज सकते है। आप Export के लिए भी गुड्स भेज सकते है ।

यदि आप जॉब वर्कर से सीधे कस्टमर को माल भेजना चाहते है, तब जॉब वर्कर जीएसटी मे रजिस्टर्ड होना चाहिए, यदि वह रजिस्टर्ड नहीं है तो आपके जी एस टी रजिस्ट्रेशन के अंतर्गत जॉब वर्कर का कार्य स्थल एक अतिरिक्त प्लेस ( Additional Place of Business) के रूप में दर्ज होना चाहिए। या फिर नोटिफाई बाई कमिश्नर होना चाहिए , अर्थार्थ जॉब वर्कर के प्लेस से आप जी एस टी कमिश्नर से अनुमति लेकर भी माल Sale या Export कर सकते है।

यदि आप मॉल को एक्सपोर्ट कर रहे है उस स्थिति में एक्सपोर्ट के सारे डॉक्यूमेंट को तैयार करने की जिम्मेदारी Principle अर्थार्थ आप की होगी , उस स्थिति में जॉब वर्कर कोई भी डॉक्यूमेंट तैयार नहीं करेंगा।

 Sec 143 के अनुसार जॉब वर्कर के यहां से Principal का जो माल बिक्री के लिए जायेगा, वह बिक्री Principal की मानी जायेगी और Principal के ही Turnover मे जोडी जाएगी।

एक जॉब वर्कर से दूसरे जॉब वर्कर तक मॉल कैसे भेजे-

 इसके दो रास्ते है - पहला , प्रिंसिपल खुद नया Rule 55 challan बना कर भेजे। दूसरा - प्रिंसिपल ने पहले जो Rule 55 challan बना कर जॉब वर्कर को भेजा था , उस चालान में तीन कॉपी में से एक कॉपी को जॉब वर्कर Endorse कर के दूसरे जॉब वर्कर को भेज सकता है।

लेकिन यदि दूसरे जॉब वर्कर को भेजा जाने वाला माल उपरोक्त चालान से भिन्न मात्रा का है तो उस स्थिति में एक नया Rule 55 Challan बना कर भेजना पड़ेगा।

 

क्या जॉब वर्कर खुद के ख़रीदे हुए मटेरियल पर इनपुट ले सकता है ?

हां, जॉब वर्कर , जाब वर्क प्रोसेस करने के लिए जो Materials खरीदता है, उन का इनपुट क्रेडिट ले सकता है।

Sec 15 के अनुसार वह अपने Invoice मे अपने द्वारा खरीदे व प्रोसेस मे इस्तेमाल किए हुए Materials को दर्शा सकता है और चार्ज कर सकता है । और उस पर जीएसटी भी चार्ज करेगा

जॉब वर्क से Materials आने की समय सीमा

 Sec 143 के अनुसार-

  • यदि गुड्स इनपुट मैटेरियल है, तब गुड्स Supply के एक वर्ष के दौरान वापस आ जाना चाहिए।

  •  यदि गुड्स Capital Goods है, तब Supply के तीन वर्ष के दौरान वापस आ जाना चाहिए।

इस समय की गरणा उस दिन से शुरू होगा जिस दिन Principle ने Goods को जॉब वर्कर के पास भेजा था , Goods भेजते समय Principle ने जिस Rule 55 challan का इस्तेमाल किया था , जो भेजते समय तीन प्रतिकृति में थी , उसमे से एक प्रतिकृति माल वापस करते समय वापसी Challan के साथ संग्लंग रहेगा।

 यदि नियत समय के भीतर Goods जॉब वर्कर के यहाँ से Principle को वापस नहीं आता है , तो विभाग इसे Deemed Supply अर्थार्त आपूर्ति मान लेंगी , और इस पर जी एस टी वसूल करेंगी , और यह जी एस टी उस दिन से लागू होगा जिस दिन आपने यह मैटेरियल जॉब वर्कर को भेजा था।

जॉब वर्कर अपने प्रोसेस कार्य के बदले Principle को Invoice प्रेषित करेगा, यह Invoice एक Service Invoice होगा, क्योंकि जॉब वर्कर ने Service देने का कार्य किया है।

 इसका अर्थ है कि एक साल के बाद आपको उस मैटेरियल का जी एस टी चुकाना है , उस एक साल का ब्याज भी चुकाना है और उस पर पेनाल्टी भी देना होगा।

जॉब वर्क के दौरान निकलने वाले अपशिष्ट का क्या करे-

किसी मैटेरियल के निर्माण के समय , प्रोसेस के समय उसमे से अपशिष्ट प्रदार्थ निकलते ही है , अब यदि यह अवशिस्ट जॉब वर्कर के यहां निकलता है तब उस स्थिति में जी एस टी की धारा 143 के अनुसार यदि जाॅब वर्कर जीएसटी रजिस्टर्ड है तब वह उस मैटेरियल का जीएसटी लगाकर Supply कर सकता है। और यदि जॉब वर्कर रजिस्टर्ड नहीं है तब उस स्थिति में Principle उक्त माल का जीएसटी चूका कर Supply कर सकता है।

प्रश्न - क्या जॉब वर्क के लिए माल भेजने के लिए Principle को जीएसटी रजिस्टर्ड होना जरुरी है ?

उत्तर - नहीं आपको रजिस्टर्ड होना जरुरी नहीं है। लेकिन यदि आपको जीएसटी की धारा 143 के फायदे लेने है तब आपका जीएसटी में रजिस्टर्ड होना जरुरी है।

 प्रश्न - क्या जॉब वर्कर को जीएसटी रजिस्टर्ड होना जरूरी है ?

उत्तर - नही , चाहे वह उसी राज्य का हो या अन्य राज्य का हो , वह जीएसटी में रजिस्ट्रेशन होना जरूरी नहीं है।


 क्योकि जॉब वर्कर को मैटेरियल हम भेज रहे है वह Supply या Sale के अंतर्गत नहीं आता है इसलिए जॉब वर्कर को जीएसटी में रजिस्ट्रेशन आवश्यक नहीं है। जॉब वर्कर तभी रजिस्ट्रेशन के लिए बाध्य है जब उसका Aggregate Turnover निर्धारित सीमा से अधिक हो।





 



 

 




 

 

 

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