PF का अर्थ , लाभ , प्रकार और रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया
आज के लेख में हम जानेंगे कि PF क्या होता है ? और जानेंगे PF का अर्थ , लाभ , प्रकार और रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया का अध्ययन करेंगे।
PF का अर्थ और PF का इतिहास
PF कितने प्रकार का होता है ?
- एम्प्लॉई प्रोविडेंट फण्ड ( EPF)
जनरल प्रोविडेंट फण्ड ( GPF)
एम्प्लॉई प्रोविडेंट फण्ड ( EPF)
“ कर्मचारी भविष्य निधि सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में कार्यरत सभी कर्मचारियों के लिए बचत का एक प्रमुख साधन है। इसकी शुरुआत 15 नवंबर, 1951 को कर्मचारी भविष्य निधि अध्यादेश के आने के पश्चात हुई थी। इसके बाद कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम, 1952 पारित किया गया जो अब कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के नाम से जाना जाता है। यह अधिनियम जम्मू एवं कश्मीर को छोड़कर भारत के सभी राज्यों एवं केंद्र-शासित प्रदेशों में लागू है। कर्मचारी भविष्य निधि विधेयक वर्ष 1952 में संसद में पेश किया गया था। यह उस वर्ष का 15वाँ विधेयक था जो संसद में पेश किया गया था। इसका उद्देश्य कारखानों एवं अन्य संगठनों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए भविष्य निधि संस्था की स्थापना करना था। 1952 में इस अधिनियम के लागू होने के बाद से अब तक इसमें 15 बार संशोधन किया जा चुका है। “
भविष्य निधि खाते में कर्मचारी का अंशदान उसके संस्था में शामिल होने के बाद शुरू हो जाता है। यह अंशदान नियमित तौर पर किया जाता है। कर्मचारी अपने मासिक वेतन का एक छोटा हिस्सा भविष्य निधि के रूप में बचाता है ताकि सेवानिवृत्त होने के पश्चात या जब वह काम करने में सक्षम न हो, तब वह इस बचत राशि का उपयोग कर सके।
नियोक्ता एवं कर्मचारी दोनों के द्वारा वेतन का 12 प्रतिशत भविष्य निधि में जमा किया जाता है। इसके अतिरिक्त नियोक्ता को कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत लाभों के प्रबंधन हेतु भी अंशदान करना होता है।
नियोक्ता एवं कर्मचारी द्वारा अंशदान
विशेष श्रेणी के अंतर्गत निर्धारित संस्थाओं के लिए भविष्य निधि में अंशदान करने की सीमा 10 प्रतिशत है, ये संस्थाएं निम्नलिखित हैं : -
- ऐसी संस्था जिसमें 20 से कम कर्मचारी कार्यरत हों
- ऐसी औद्योगिक कंपनी जिसे औद्योगिक एवं वित्तीय पुनर्निर्माण बोर्ड द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर घोषित कर दिया गया हो।
- ऐसी संस्था जिसका किसी वित्तीय वर्ष के अंत में कुल घाटा उस संस्था के कुल लागत के बराबर या उससे ज्यादा हो।
- जूट, बीड़ी, ईंट, काथी एवं ग्वार गम उद्योग से जुड़ी संस्था।
कर्मचारी भविष्य निधि योजना के तहत कर्मचारियों को मिलने वाले लाभ
- सेवानिवृत्ति, नौकरी छोड़ने एवं मृत्यु होने की स्थिति में कुल संचित राशि एवं उसका ब्याज दिया जाता है।
- कुछ विशेष खर्चों, जैसे - गृह निर्माण, उच्च शिक्षा, शादी, बीमारी इत्यादि के लिए आप इसमें से आंशिक रूप से पैसे निकाल सकते हैं।
कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम के अंतर्गत आने वाली किसी भी संस्था में कर्मचारी के रूप में जुड़ने के पश्चात यह आवश्यक है कि वह अपने नियोक्ता को एक घोषणापत्र दे जिसमें इस बात की जानकारी दी गई हो कि वह पहले से भविष्य निधि का सदस्य है या नहीं,
PF में REGISTRATION कैसे कराये
नियोक्ता पी ऍफ़ में रजिस्ट्रेशन कैसे कराये ( PF REGISTRION FOR EMPLOYER)
दिनांक 08.10.2020 से नए प्राइवेट लिमिटेड कंपनी , पब्लिक लिमिटेड कंपनी , और एकल व्यक्ति कंपनी का रजिस्ट्रेशन – www.mca.gov.in की साइट पर होने लगा है , आजकल कंपनी के रजिस्ट्रेशन के साथ ही आपसे पी ऍफ़ और ESI के रजिस्ट्रेशन सम्बन्धी डाटा मांग लिया जाता है और आपको रजिस्ट्रेशन नंबर का अलॉटमेंट कर दिया जाता है , फिर जब आप इसके दायरे में आये तब आप इसको Activate करा कर , इसका लाभ उठा सकते है ।
अब बात करते है – Proprietorship और अन्य व्यवसाय के रजिस्ट्रेशन की , इनका रजिस्ट्रेशन के लिए भारत सरकार ने श्रम सुविधा पोर्टल को अधिकृत किया है , आप अपना रजिस्ट्रेशन- https://registration.shramsuvidha.gov.in/ पर जाकर कर सकते है , रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया आप मेरे अगले लेख में देख सकते है ।
PF REGISTRATION के लिए आवश्यक दस्तावेज
- PAN CARD
AADHAR CARD
UDHYAM REGISTRATION CERTIFICATE
GST REGISTRATION CERTIFICATE
OWNER'S SIGNATURE IN JPEG IMAGE
CANCELED CHEQUE COPY / BANK PASSBOOK / BANK STATEMENT
IF RENTAL THEN RENT DEED/ AGREEMENT
E-MAIL AND MOBILE ADDRESS
COMPANY ELECTRICITY BILL
NUMBER OF EMPLOYEE AND TOTAL SALARY DATA
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