चार्टर्ड एकाउंटेंसी कोर्स ( C A Course):-
चार्टर्ड एकाउंटेंसी कोर्स को पूरा कर लेने वाले व्यक्ति को चार्टर्ड अकाउंटेंट या C.A. कहते है| चार्टर्ड एकाउंटेंसी कोर्स वाणिज्य क्षेत्र का महत्वपूर्ण एंव उच्च स्तर का कोर्स है| यह कोर्स किसी विश्वविध्यालय द्वारा नहीं कराया जाता बल्कि पूरे भारत में इसके लिए एक ही संस्थान “इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया (Institute of Chartered Accountants of India – ICAI)” है| इसकी शुरुआत देश में चार्टर्ड अकाउंटेंट एक्ट लागू करने के साथ 1949 में हुई थी.यह कोर्स मुख्य रूप से लेखांकन(Accounting), ऑडिट(लेखा पुस्तकों की जाँच), कर-कानून(Tax Laws), कम्पनी एंव अन्य वाणिज्यक कानून (Corporate and other Commercial Laws), लागत लेखांकन(Cost Accounting) एंव वितीय प्रबंधन(Financial Management) आदि विषयों पर केन्द्रित है| यह स्वतंत्र कोर्स है एंव विद्यार्थी चाहे तो इसे स्वंय अध्ययन कर सकता है अथवा चाहे तो प्राइवेट कोचिंग ज्वाइन कर सकता है|
माध्यम (Medium) :- इस कोर्स को अंग्रेजी (English) माध्यम अथवा हिंदी माध्यम किसी भी माध्यम में किया जा सकता है| इस बात से गुणवता एंव स्तर पर कोई फर्क नहीं पड़ता की आप कोर्स को हिंदी में करते हो या अंग्रेजी में| उतीर्ण योग्यताएं (Passing Criteria):- CA कोर्स का कोई भी एग्जाम उतीर्ण करने के लिए प्रत्येक Group में 50 प्रतिशत कुल औसत अंक लाना आवश्यक है एंव ग्रुप के प्रत्येक विषय में कम से कम 40% अंक लाना आवश्यक है|
क्या है चार्टर्ड अकाउंटेंसी :- चार्टर्ड अकाउंटेंसी व्यापार से जुड़ा सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र है। कंपनी के लाभ से कंपनी को सुचारू रूप से चलाने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट की आवश्यकता पड़ती है। पूंजीवाद के दौर में मार्केट की वैल्यू बढ़ जाती है और हर बड़ी कंपनी अधिक से अधिक मार्केट कब्जाने की कोशिश में रहती है। ऐसी स्थिति में कंपनियों में जबरदस्त स्पर्धा देखी जाती है।
हर कंपनी को विभिन्न प्रकार के व्यापारिक लेखा-जोखा रखने के साथ ही, प्रोग्रेस के लिए रचनात्मक विचारों की आवश्यकता होती है। ऐसी सभी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट की जरुरत पड़ती है।
सामाजिक-आर्थिक और मार्केट के विषय पर गहरी समझदारी अनिवार्य है। व्यापार से जुड़े तमाम बारीक पहलुओं का विश्लेषण करने की योग्यता के साथ गणित पर अच्छी पकड़ भी आवश्यक है। इसमें व्यापार सम्बंधित सैद्धान्तिक ज्ञान को व्यावहारिक ज्ञान में प्रयोग करना भी आना चाहिए।
कैसे बने चार्टर्ड अकाउंटेंट:- CA चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने के लिए आपको ICAI इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) का सदस्य बनना जरूरी है। सबसे अच्छी बात यह है कि आप हाईस्कूल उत्तीर्ण करने के बाद ही CPT कॉमन प्रोफिसिएन्सी टेस्ट (सीपीटी) के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
10+2 के बाद आपको यह परीक्षा देनी होगी। इसमें अकाउंटिंग के मूल सिद्धांत, मर्केंटाइल लॉ, सामान्य अर्थशास्त्र और परिणामात्मक ज्ञान सम्बन्धी सवाल पूछे जाते हैं।
जो छात्र-नौजवान किसी भी वर्ग से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके है वे सीधे दूसरे चरण की परीक्षा में बैठ सकते हैं। उनके लिए सीपीटी की परीक्षा देने की कोई बाध्यता नहीं है। इस चरण में आपको IPCC इंटीग्रेटेड प्रोफेशनल कॉम्पीटेंस कोर्स (आईपीसीसी) की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
2 ग्रुप में विभाजित इस परीक्षा में एकाउंटिंग, बिजनेस कम्युनिकेशन, टैक्सेशन, ऑडिटिंग, टैक्स आदि सम्बन्धी 7 पेपर देने होते हैं।
तीसरे चरण में आपको चार्टर्ड एकाउंटेंसी का फाइनल एग्जाम उत्तीर्ण करना होता है। यह परीक्षा दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में गिनी जाती है। यह भी 2 ग्रुप में विभाजित है। इस परीक्षा में आपको एडवांस लेवल के स्ट्रेटजिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट, ऑडिटिंग, कॉर्पोरेट लॉ, एडवांस लेवल एकाउंटिंग, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, टैक्स आदि से सम्बंधित कुल 8 पेपर देने होते हैं।
इस फाइनल एग्जाम को उत्तीर्ण करने के बाद ही आप आईसीएसी के सदस्य बन सकते हैं। फाइनल कोर्स पूरा करने के साथ ही स्टूडेंट्स को जनरल मैनेजमेंट एंड कम्यूनिकेशन स्किल्स (जीएमसीएस) कोर्स भी कंपलीट करना होता है.
कैसे करें तैयारी:
मान्यता प्राप्त बोर्ड से कार्मस स्ट्रीम में 12वीं पास करने के बाद कोई भी स्टूडेंट्स सीए में करियर बना सकता हैं. कई बार स्टूडेंट्स सीए की दौड़ में भाग लेने के लिए अपनी शुरूआत ग्रेजुएशन के बाद भी करते हैं. लेकिन सीए कोर्स की लंबी अवधि के कारण सीए की शुरूआत का सही समय 12वीं पास करने के बाद का ही होता है. सीए की तैयारी के लिए छात्रों को पहले अकाउंटिग में मजबूत पकड़ बनानी चाहिए.
स्टूडेंट्स में मैनेजमेंट और फाइनेंसिशियल क्षेत्र में एक्सपर्ट नॉलेज के साथ एक्सपर्ट व्यू का होना बहुत जरूरी है. संभानाएं: सीए बनकर आप देश-विदेश की कंपनियों में फाइनांस, अकाउंट एवं टैक्स डिपार्टमेंट में फाइनांस मैनेजर, अकाउंट मैनेजर, फाइनेंशियल बिजनेस एनालिस्ट, ऑडिटिंगइंटरनल ऑडिटिंग, मैनेजिंग डायरेक्टर, सीईओ, फाइनेंस डायरेक्टर, फाइनेंशियल कंट्रोलर, चीफ अकाउंटेंट, चीफ इंटरनल ऑडिटर जैसी पोजिशन पर काम कर सकते हैं.
व्यावहारिक प्रशिक्षण-
परीक्षा उत्तीर्ण करने के अलावा, परीक्षार्थी को तीन साल का व्यवहारिक प्रशिक्षण पुरा करना आवश्यक है , इस प्रशिक्षण को हम आर्टिकलशिप के रुप मे जानते है।
CA करने के बाद नौकरी और सैलरी :-
आईसीएआई के सदस्य बनने के बाद आप किसी भी सरकारी-अर्धसरकारी या निजी संस्था के लिए कंपनी सेक्रेटरी, इकोनॉमिस्ट, एकाउंटिंग, बैंकिंग, स्टॉक ब्रोकिंग आदि के पद पर आवेदन कर सकते हैं। आईसीआईसीआईसी प्रुडेंशियल जीवन बीमा कंपनी, विप्रो लिमिटेड, आईटीसी लिमिटेड, जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड, बैंक, किसी ऑडिटिंग फर्म आदि में जॉब के लिए आवेदन कर सकते हैं।
योग्यता और क्षमता के अनुसार चार्टर्ड अकाउंटेंट का वेतनमान बदलता रहता है। लेकिन औसत स्तर पर एक चार्टर्ड अकाउंटेंट को 8 लाख से 12 लाख तक वार्षिक वेतनमान मिलता है। विदेशी कंपनी में 16 लाख से 22 लाख तक का वार्षिक वेतनमान हो सकता है।
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