बैंक से लोन लेने के लिए सिविल स्कोर अच्छा होना जरूरी है |इस से ही जुड़ी है सिबिल रिपोर्ट और क्रेडिट रेटिंग|
आइए जानते हैं किस तरह सिबिल स्कोर और रिपोर्ट्स अच्छी रख सकते हैं| क्रेडिट रिपोर्ट में कई पैमानों पर ऋण लेने वालों को जांचा जाता है, इसमें सबसे जरूरी व्यक्ति के लोन चुकाने के ट्रेड की जानकारी है | अगर व्यक्ति पुराने लोन का ईमानदारी से भुगतान करता हुआ आया है तो बैंक भी उसे नया लोन देने में दिलचस्पी दिखाती है| भारत में मुख्य क्रेडिट रेटिंग एजेंसी है-
1-सिबिल (क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड) अर्थात सिबिल -
यह एक ऐसी संस्था है जो बैंको को , संस्थाओं को और आम व्यक्तियों की लोन लेने की क्षमता की जांच करती है और उसके आधार पर क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट जारी करती है| लोन और क्रेडिट कार्ड से संबंधित भुगतान के रिकॉर्ड बैंकों द्वारा हर महीने सिबिल के पास जमा किए जाते हैं और यही जानकारी किसी भी व्यक्ति के सिबिल स्कोर का आधार बनती है| इसमें आपकी क्रेडिट हिस्ट्री की पूरी जानकारी होती है |इसमें क्रेडिट कार्ड या लोन अकाउंट, उनके पेमेंट का स्टेटस और उन्हें चुकाने में बचे दिन का सिलसिलेवार उल्लेख होता है |इसकी रेंज 300 से 900 के बीच होती है और 750 या उससे अधिक स्कोर रखने वाले व्यक्ति को लोन के लिए सुरक्षित समझा जाता है |
2-क्रीफ- ( क्रीफ हाई मार्केिट क्रेडिट इनफॉरमेशन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड ) -
क्रीफ भी आर बी आई द्वारा स्वीकर्त एक क्रेडिट रिपोर्ट कंपनी है | यह रिटेल, कृषि और ग्रामीण, एमएसएमई, वाणिज्यक और माइक्रो- फाइनेंस में कार्य करता है |
3- एक्सपेरिअन पीएलसी -
एक्सपेरिअन एक मल्टीनेशनल क्रेडिट रिपोर्ट कंपनी है | एक्सपीरियंस 300 से 850 की रेंज में स्कूल अलॉट करती है |
4. एक्वीफैक्स -
यह कंपनी विश्व की 3 सबसे बड़ी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी में शामिल है| इसका मुख्यालय अमेरिका में है| एक्वीफ्लेक्स एक व्यक्ति 0 से 1200 के बीच निर्धारित करती है|
सिबिल स्कोर इन बातों पर निर्भर करता है -
१. भुगतान का इतिहास
आपके भुगतान इतिहास का आपके स्कोर पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। हर महीने समय पर अपने क्रेडिट कार्ड के बिल और लोन की ईएमआई का भुगतान करना महत्वपूर्ण है। भुगतान में देरी से ना केवल आप पर पेनाल्टी लग सकती है बल्कि यह आपके क्रेडिट स्कोर को भी कम कर सकती है |
1. क्रेडिट कार्ड यूटिलाईजेशन रेश्यो 30% से अधिक हो जाना-
क्रेडिट उपयोगिता अनुपात जानकारों के अनुसार 30 परसेंट से ऊपर अपनी क्रेडिट लिमिट का उपयोग करना सही नहीं माना जाता है।
उदाहरण के तौर पर यदि आपकी क्रेडिट लिमिट ₹100000 है तब भी आपको 30000 तक ही लिमिट का उपयोग करना चाहिए। आप क्रेडिट कार्ड की लिमिट का जितना प्रतिशत खर्च करते हैं उसे क्रेडिट कार्ड यूटिलाइजेशन रेश्यो ( सीयूआर) कहते है| आप अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट का 30 परसेंट से ज्यादा खर्च ना करें, क्योंकि क्रेडिट कार्ड द्वारा इस सीमा से अधिक खर्च दिखाता है कि आप क्रेडिट पर ज्यादा निर्भर हैं | बैंक आम तौर पर उन लोगों को उधार देने में ज्यादा सावधानी बरतते हैं | जिनका सी यू आर तीस परसेंट से ज्यादा होता है| इतना ही नहीं क्रेडिट ब्यूरो भी आपके क्रेडिट स्कोर को कुछ कम कर देगा |
2. कम समय में ज्यादा क्रेडिट कार्ड / लोन का आवेदन करना -
कई बार लोन के लिए अप्लाई करना , लोन के विषय में बार-बार पूछताछ करना एक नकारात्मक प्रभाव छोड़ता है और यदि आप का क्रेडिट कार्ड आवेदन हाल ही में अस्वीकार कर दिया गया है, तो तुरंत लोन के लिए आवेदन न करें।
यदि आप इस त्योहारो के मौसम में लोन या क्रेडिट कार्ड लेने की सोच रहे हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि आप कम समय मे कई एप्लिकेशन जमा ना करे | जब भी आप लोन या क्रेडिट कार्ड अप्लाई करते है, तो बैंक या लोन संस्थान आपकी स्थिति जानने के लिए क्रेडिट ब्यूरो से आपकी क्रेडिट रिपोर्ट प्राप्त करने का अनुरोध करते है | इसलिए ये आपके क्रेडिट स्कोर को कुछ पाइंट कम कर देते हैं |
3. सही क्रेडिट मिश्रण
सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड लोन का एक सही संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण है एक ही तरह के लोन की अधिकता भी आपके सिबील स्कोर के लिए सही नहीं है. आपको हमेशा अपना बकाया भुगतान समय से करना चाहिए, किसी पेमेंट को उसकी डेट के बाद भी होल्ड करके रखना सही नहीं है.
क्रेडिट स्कोर का आय से कोई ताल्लुक नहीं होता
बैंक या कंपनियां लोन देने से पहले ग्राहक का क्रेडिट स्कोर चेक करती है। लेकिन क्रेडिट स्कोर का ग्राहक की आय से कोई संबंध नहीं है । करोड़ों की संपत्ति रखने वाले व्यक्ति ने भी यदि ईएमआई या क्रेडिट कार्ड का बिल नहीं चुकाया या चुकाने में देर की तो उसका क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है। सिर्फ एक लेट पेमेंट से भी Score 100 से ज्यादा पॉइंट नीचे आ सकता है दूसरी ओर कम आय वाला कोई व्यक्ति यदि ईएमआई समय पर चुका रहा है तो उसका क्रेडिट स्कोर अच्छा होता जाएगा। हालांकि क्रेडिट स्कोर स्थाई नहीं होता अच्छा Score बिगड़ सकता है और बुरा Score सुधर भी सकता है आज के समय में 750 का क्रेडिट स्कोर अच्छा माना जाता है।
क्रेडिट स्कोर में सुधार लाने के लिये हमे क्या करना चाहिए-
# क्रेडिट कार्ड का सही इस्तेमाल-
आप अपने नाम का एक क्रेडिट कार्ड issue करवाएं और उसका सावधानी के साथ इस्तेमाल करे, छोटी- छोटी खरीदारी करे, और उसका समय पर भुगतान कर दे. धीरे धीरे यह आपके क्रेडिट स्कोर में सुधार लाएगा, और आपका Score बढता जाएगा.
# लोन के किस्तों का समय पर भुगतान करे -
आपके ऊपर जो लोन चल रहा हैं उसका समय पर भुगतान कर दे, और नए लोन के लिए बेवजह Apply ना करे। बार बार Apply करने से Score डाउन होता है, अगर लोन चुकाने के लिए पैसे कम हो तो किसी रिश्तेदार या दोस्त से लेकर दे देवे, लेकिन किस्त का भुगतान समय पर कर दे.
# क्रेडिट स्कोर की नियमित जांच करे-
कई बार बैंक की गलती से कुछ ऐसी सूचना भी AGENCY को चली जाती हैं जो गलत हो, और जिसके कारण आपका SCORE डाउन हो जाए। जैसे आपने कोई किस्त का भुगतान समय पर कर दिया लेकिन बैंक ने इसे देर से भुगतान दिखाया हो , तो आप इसे CHECK कर के बैंक को INFORM कर के सही करवा सकते है.
RBI के नये नियम आपको सिबिल स्कोर सुधारने मे करेगा मदद-
भारत सरकार भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के माध्यम से इन क्रेडिट रेटिंग एजेन्सी पर नजर रखती है, साथ ही बैंक को भी कई दिशानिर्देश देती है, जिससे किसी के भी साथ अन्याय न हो।
क्रेडिट स्कोर अच्छा होने पर आपको आसानी से लोन मिल जाता है, और यदि आप पेमेंट डिफॉल्टर है, तो आपको भविष्य मे कही से लोन नही मिलेगा। इसलिए आप अपने सिबिल स्कोर का खास ध्यान रखे। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नये नियम आपको अपना सिबिल स्कोर मेन्टेन करने मे मदद करेगा। अब देखते है कि ये नये नियम कौन सा है-
अब क्रेडिट स्कोर हर 15 दिन मे अपडेट होगा-
अभी तक क्रेडिट स्कोर हर महीने अपडेट होता था, जिससे यदि आप किसी ईएमआई का भुगतान देर से किए है तो आपको एक या दो महीने अपडेट होने का इंतजार करना पडता था, अब 01-10-2024 से आपका क्रेडिट स्कोर हर 15 दिन मे अपडेट होगा, जिससे आप को अब लम्बा इंतजार नही करना पडेगा।
बैंक अब क्रेडिट स्कोर चेक करने से पहले सूचना देगी-
अब कोई बैंक यदि आपका सिबिल चेक करेगा, तो साथ ही साथ आपको सुचना भी भेजेगा। जिससे आप जालसाजी या धोखा धडी से बच जायेगे।
आपका लोन आवेदन के निरस्त होने की वजह बतानी होगी-
अब यदि कोई बैंक आपका लोन आवेदन निरस्त करता है, तो आपको इसका कारण भी बतायेगा, जिससे आप भविष्य मे उसका सुधार कर सके।
वर्ष मे एक बार आप फ्री मे कर सकेगे सिबिल चेक-
अभी तक आपको अपना सिबिल स्कोर चेक करने के लिए पैसे का भुगतान करना पडता था लेकिन अब सरकार ने इसे वार्षिक एक बार फ्री कर दिया है, जिससे आप अपना सिबिल चेक कर सके और उसमे सुधार कर सके।
आपकी शिकायत का निवारण 30 दिन के अंदर करना होगा-
अब आर बी आई ने क्रेडिट रेटिंग एजेन्सीयो को यह स्पष्ट निर्देश दे दिए है कि वो जनता की शिकायतो का समाधान 30 दिन के अन्दर कर दे, अन्यथा वो भी इसका जुर्मना भरेगे।
तो अब आप समझ गए होगे कि यह सिबिल स्कोर हमारे जीवन मे कितना महत्व रखता है, अब भविष्य मे आपके लोन मिलने या नही मिलने की आहर्ता यह सिबिल स्कोर ही है, तो आज से ही आप इसपर नजर रखे, और हमेशा इसमे सुधार करते जाए।
हम लोग आजकल लोन लेने के लिए एक शार्टकट अपना रहे है, यह शार्टकट है- मोबाइल एप्प के द्वारा लोन लेना।
इसके कारण न सिर्फ लोगो का सिबिल स्कोर गिर रहा है अपितु लोग डिफॉल्टर होकर बर्बाद होते जा रहे है, इसके नुकसान को जानने के लिए पढे-
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें