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क्या होता है डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड , पूरी जानकारी ( what is Debit card)

आज कल हमे बैंक से पैसे निकालने होते हैं तो हम पास के ATM पर जाते हैं और एक प्लास्टिक का कार्ड  ATM Machine मे डालते हैं, और जितना पैसा निकालने  है वो मशीन में डाल कर फिर पासवर्ड डाल के पैसे निकाल लेते है, दुकानो पर खरीदारी करने जाते है, तो वहाॅ भी यह प्लास्टिक कार्ड देते है, और दुकानदार अपने मशीन मे लगा कर आपके एकाउंट्स से पैसे निकाल लेता है।

अब जरा सोचिए कि यह प्लास्टिक कार्ड होता क्या है, हम क्यो इसे अलग-अलग नामो से जानते है, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड क्या होता है,

डेबिट कार्ड क्या होता है?        1

डेबिट कार्ड का इतिहास-        1

डेबिट कार्ड कैसे काम करता है:        2

क्रेडिट कार्ड क्या है ?        2

डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड में क्या अंतर है?        3

दोनों में अंतर का सारांश        3

डेबिट और क्रेडिट कार्ड कितने प्रकार के होते है ?        3

डेबिट कार्ड क्या होता है?

  • क्या है: डेबिट कार्ड आपके बैंक खाते से सीधे जुड़ा होता है। जब आप डेबिट कार्ड से कोई भुगतान करते हैं, तो पैसे सीधे आपके खाते से काट लिए जाते हैं।

डेबिट कार्ड का इतिहास-

  • 1966 के शुरुआत में Debit Card जैसे सिस्टम की खोज दुनिया मे शुरू हो गई थी, और इसमें सबसे पहले खोज सफल हुई थी- लंदन के बैंक The Bank of Delaware के द्वारा।
  • 1969 में अमेरिका में पहली बार ATM Machine की स्थापना हुई , इसको स्थापित करने वाली बैंक थी - Chemical Bank, Rockvile, New Yark.
  • 1970 आते- आते डेबिट कार्ड अस्तित्व में आ गया था, फिर 1980 तक ATM Machine भी अस्तित्व मे आ गया।
  • 1972 में Lloyds Bank ने अपने बैंक के Debit Card में Magnatic Stip का इस्तेमाल किया और इस कार्ड के इस्तेमाल के लिए ATM PIN का भी इस्तेमाल हुआ।
  • भारत में इसका इस्तेमाल पहली बार 1987 हुआ था। पहले इसका इस्तेमाल ATM से कैश निकालने के लिए होता था।
  • डेबिट कार्ड को कई नामो से जाना जाता है जैसे - Bank Card, Check Card, Payment Card, ATM Card.

डेबिट कार्ड कैसे काम करता है: 

यह आपके खाते में मौजूद पैसे के बराबर ही काम करता है। आप उतना ही खर्च कर सकते हैं, जितना आपके खाते में पैसा है। अब डेबिट कार्ड में आपके खाते की डिटेल फीड रहती है , और इसके अंदर एक इलेक्ट्रॉनिक चिप लगी होती है , जैसे ही हम सम्बंधित एटीएम में अपना कार्ड डालते है वह एटीएम आपके कार्ड को रीड करता है और उसके बाद उसको आपके खाते से कनेक्ट कर देता है , और आप जो भी इन्स्ट्रक्शन उस एटीएम को देते है उसी के अनुसार वह कार्य करता है , यदि आप पैसे निकलने का इन्स्ट्रक्शन दे रहे है तो वह उतने पैसे आपको दे देगा और आपके बैंक खाते से उतने पैसे घटा देगा।

  • डेबिट कार्ड के फायदे:
  • सुरक्षित: चूंकि इसमें आपका अपना पैसा होता है, इसलिए ज्यादा जोखिम नहीं होता है। और साथ में प्रत्येक डेबिट कार्ड का एक पिन होता है , जिसे आप स्वम जेनेरेट करते हो , वह पिन जब तक एटीएम मशीन में नहीं डालते है तब तक हमारा कार्ड सक्रीय नहीं होता है।  इसलिए एटीएम कार्ड को सुरक्षित माना जाता है।
  • आसान: इसका इस्तेमाल करना बहुत आसान होता है।
  • तुरंत लेनदेन: भुगतान तुरंत हो जाता है।
  • डेबिट कार्ड के नुकसान:
  • सीमित राशि: आप केवल उतना ही खर्च कर सकते हैं, जितना आपके खाते में पैसा है।
  • ओवरड्राफ्ट का खतरा: अगर आप अपने खाते में मौजूद पैसे से ज्यादा खर्च करते हैं, तो आपका खाता ओवरड्राफ्ट हो सकता है।

क्रेडिट कार्ड क्या है ?

  • क्रेडिट कार्ड क्या है: क्रेडिट कार्ड एक प्रकार का लोन होता है। जो कि एक निश्चित राशि तक के लिए बैंक अप्प्रोवे करता है और आप उसकी लिमिट तक ही उसका इस्तेमाल कर सकते है।   जब आप क्रेडिट कार्ड से कोई भुगतान करते हैं, तो बैंक आपको एक निश्चित राशि तक उधार देता है।
  • क्रेडिट कार्ड कैसे काम करता है: आप बैंक द्वारा दी गई सीमा तक खर्च कर सकते हैं और फिर बाद में उस पैसे को बैंक को चुका सकते हैं। इसके लिए बैंक एक निश्चित तिथि को आपके नाम एक स्टेटमेंट जारी करता है , जिसमे आप के द्वारा क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल का विवरण होता है और देय राशि का जिक्र होता है जिसे आपको देय तिथि तक या उससे पहले चुकाना होता है , यदि आप देय तिथि तक इसका भुगतान नहीं करते हो तो बैंक के द्वारा आपके ऊपर पेनल्टी और बकाया राशि पर ब्याज लगेगा।
  • क्रेडिट कार्ड के फायदे:
  • सुविधा: आप बिना पैसे के भी खरीदारी कर सकते हैं।
  • क्रेडिट स्कोर बढ़ाता है: सही तरीके से इस्तेमाल करने पर क्रेडिट कार्ड आपके क्रेडिट स्कोर को बढ़ा सकता है।
  • कैशबैक और रिवॉर्ड्स: कई क्रेडिट कार्ड कैशबैक और अन्य तरह के रिवॉर्ड्स देते हैं।
  • नुकसान:
  • कर्ज का बोझ: अगर आप बिल का भुगतान समय पर नहीं करते हैं, तो आपको ब्याज देना होगा और आप कर्ज के बोझ में दब सकते हैं।
  • उच्च ब्याज दर: क्रेडिट कार्ड पर ब्याज दर काफी ज्यादा होती है।

डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड में क्या अंतर है?

डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड, दोनों ही भुगतान के तरीके हैं, लेकिन इनमें काफी अंतर होता है। आइए इनके बीच के मुख्य अंतर को विस्तार से समझते हैं:

दोनों में अंतर का सारांश

विशेषता

डेबिट कार्ड

क्रेडिट कार्ड

पैसा

आपके खाते से सीधे काटा जाता है

बैंक से उधार लिया जाता है

खर्च की सीमा

खाते में मौजूद पैसे के बराबर

बैंक द्वारा निर्धारित सीमा

ब्याज

नहीं

हां, अगर बिल का भुगतान समय पर नहीं किया गया तो

जोखिम

कम

ज्यादा

फायदे

सुरक्षित, आसान, तुरंत लेनदेन

सुविधा, क्रेडिट स्कोर बढ़ाता है, कैशबैक

नुकसान

सीमित राशि, ओवरड्राफ्ट का खतरा

कर्ज का बोझ, उच्च ब्याज दर

कौन सा कार्ड आपके लिए बेहतर है?

यह आपके खर्च करने के तरीके और आर्थिक स्थिति पर निर्भर करता है। अगर आप अपने खर्च पर नियंत्रण रखना चाहते हैं और ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते हैं, तो डेबिट कार्ड आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। लेकिन अगर आपको सुविधा चाहिए और आप सिबिल स्कोर बढ़ाना चाहते हैं, तो क्रेडिट कार्ड आपके लिए अच्छा विकल्प हो सकता है।

ध्यान रखें: क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतें और अपनी खर्च करने की सीमा का ध्यान रखें।

डेबिट और क्रेडिट कार्ड कितने प्रकार के होते है ?

डेबिट और क्रेडिट कार्ड का वर्गीकरण हम कई प्रकार से कर सकते है। 

१> जोखिम के आधार पर -

जोखिम के आधार पर डेबिट कार्ड को तो Prepaid Card माना जाता है , क्योकि इसमें आपके खाते  में जितना पैसा होता है , आप उतना ही खर्च कर सकते है , अपने एकाउंटिंग में हम इसके लिए अलग से कोई Ledger नहीं बनाते है , अपितु इसके लेन -देन को  बैंक खाते में ही Entry करते है। 
क्रेडिट कार्ड भी बैंक दो प्रकार से वितरित करती है।  Secured Credit Card और Unsecured Credit Card.

Secured Credit Card  ( Under Secured Loan) -  

इस प्रकार के क्रेडिट कार्ड में बैंक पहले अपने यहाँ कस्टमर से Fixed Deposit कराती है , और उस Fixed Deposit के आधार पर उसके मूल्य से कम लिमिट का ( सामान्य तह 80%) क्रेडिट कार्ड ग्राहक को देती है , ग्राहक उसके लिमिट तक ही उसका इस्तेमाल कर पाता है. 
आम लोग इस तरह के कार्ड को कम लेते है , लेकिन आपके Cibil Score को बढ़ाने और Active रखने में इस कार्ड का बहुत ज्यादा योगदान होता है। यदि आपका Cibil Score Down हो गया है , तब तो आपको यह कार्ड अवश्य लेना चाहिए।  इस प्रकार के कार्ड पर बैंक चार्जेस कम रखती है , और ब्याज दर भी काफी कम होता है। 
Accounting करते समय इस कार्ड को हम Secured Loan के अंतर्गत दिखाते है। 

Unsecured Credit Card (Unsecured Loan)-

इस प्रकार का कार्ड का वितरण बैंक लोन के अंतर्गत करता है , आपसे आपके वो सभी डाक्यूमेंट्स लेती है जो वह लोन देते समय लेती है , आपका Cibil Score यदि 750 के ऊपर है, और आपके दस्तावेजों से वह सन्तुष्ट है तब जाकर वह यह क्रेडिट कार्ड आपको देती है।  Accounting करते समय इस प्रकार के क्रेडिट कार्ड को हम Unsecured Loan के अंतर्गत रखते है। इस प्रकार के कार्ड को भी बैंक ग्राहक के सुविधा के आधार पर कई प्रकार से वितरित करती है। 

२> सुविधा के आधार पर क्रेडिट कार्ड का वर्गीकरण -

आज लगभग सभी बैंक क्रेडिट कार्ड की सुविधा देती है , और उन्होंने अपने ग्राहकों के जरुरत के अनुसार अलग - अलग प्रकार के क्रेडिट कार्ड लांच किये है.




  • Cash Back Credit Card- इन कार्ड्स के इस्तेमाल पर आपको कॅश बैक मिलता है , यह कैशबैक इन कार्ड्स के या आपके बैंक खाते में जमा हो जाता है , जिसका इस्तेमाल आप अन्य खर्चो में कर सकते है , उदहारण स्वरूप  SBI Paytm Cash Back Credit Cards. इस कार्ड के इस्तेमाल से आपको जो भी कॅश बैक मिलता है वो आपके पेटम वॉलेट में या जुड़े हुए बैंक खाते में जमा हो जाता है। 
  • Rewards Point Credit Card - लगभग सभी क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल पर हमें रिवार्ड पॉइंट मिलते है , लेकिन कुछ बैंको ने ज्यादा रिवॉर्ड पॉइंट देने के लिए कुछ विशेष प्रकार के क्रेडिट कार्ड इशू किये है , इन कार्ड्स पर अन्यो के मुकाबले ज्यादा रिवार्ड्स पॉइंट मिलते है , जिन्हे आप फ्लाइट टिकट , होटल बुकिंग , गिफ्ट कार्ड्स अन्य बहुत सारे सुविधाओं में रीडीम करा सकते है। 
  • Travel Credit Card - कुछ लोगो के कार्य इस प्रकार के होते है की उन्हें अपने कार्य के दौरान बहुत यात्रा करना पड़ता है।  उनकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए बैंको ने यात्रा क्रेडिट कार्ड बनाये है , इन कार्ड्स पर एयरलाइन्स , होटल और अन्य यात्रा सम्बन्धी खर्चो में छूट मिलती है। 
  • Shopping Credit Card - जैसे - जैसे ऑनलाइन खरीदारी का ट्रेंड्स बढ़ता जा रहा है , वैसे - वैसे ऑनलाइन खरीदारी में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल भी बढ़ता जा रहा है , तो जो कस्टमर्स ज्यादा खरीदारी करते है उनके लिए बैंको ने विशेष कार्ड जारी किए है , इन से खरीदारी करने पर खास स्टोर्स या ब्रांड्स पर छूट ज्यादा मिलती है। 
  • Student Credit Card - ये कार्ड खास स्टूडेंट के लिए बने होते है , इनपर ब्याज दरे काफी कम होती है। 
  • Business Credit Card - ये कार्ड्स व्यापारी भाइयो के लिए होते है , और इनपर व्यापर से जुड़े कई लाभ होते है , जैसे कि एक्सपेंस मैनेजमेंट टूल्स। 

३> क्रेडिट कार्ड सुविधा देने वाली कंपनी के आधार पर इसका वर्गीकरण 

डेबिट और क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल के शुरुआती दिनों में कस्टमर अपने बैंक के एटीएम से ही transaction कर सकते थे , बैंक अपने डेबिट कार्ड को किसी दूसरे बैंक में इस्तेमाल की अनुमति नहीं देता था , क्योकि उसे डर था की यदि दूसरे बैंक के पास उसके कस्टमर की डिटेल चली गयी तो उक्त बैंक उस कस्टमर को अच्छा ऑफर दे कर अपने ओर कर लेगा। चुकि सभी बैंको में कम्पटीशन काफी था इसलिए कोई भी बैंक दूसरे बैंक के साथ अपना कस्टमर डाटा साझा नहीं करना चाहता था।

अब कस्टमर को अपने साथ कई बैंक के एटीएम कार्ड रखना पड़ता था , साथ ही सभी बैंको में पैसे भी रखने होते थे , यह कस्टमर को काफी असुविधाजनक लगता था , इसलिए लोगो के बीच डेबिट कार्ड की लोकप्रियता घटने लगी।  

इस असुविधा से बचने के लिए Bank of America ने अपने कार्ड - बैंकअमेरीकार्ड को वीजा कार्ड में कन्वर्ट किया और सभी बैंको को उससे जुड़ने को कहा, इसके अनुसार सभी के कस्टमर का डाटा Bank of America के पास रहेगा और वो दूसरे बैंक को निर्देश देगा की वह किसी तीसरे बैंक के कस्टमर को निर्देशित राशि का भुगतान कर देवे , और Bank of America उक्त तीसरे बैंक से पैसे लेकर , दूसरे  बैंक को ट्रांसफर कर देगा।

इस प्रकार कस्टमर सभी बैंको के एटीएम का इस्तेमाल कर सकते है।

इस तरह वर्ष 1976 में विश्व का पहला “ भुगतान नेटवर्क “ वीजा अस्तित्व में आया इसका नाम कंपनी के संस्थापक श्रीमान डी हॉक ने दिया था।

परन्तु सभी बैंको को वीजा स्वीकार्य नहीं था , अमेरिका के कई क्षेत्रीय बैंको ने आपस में गठबंधन कर लिया और वीजा के जवाब में उन्होंने “ मास्टर कार्ड “ जारी किया।

इस तरह दुनिया के दो बड़े “ भुगतान नेटवर्क “ की शुरुआत हुई , भारत ने अपना खुद का “ भुगतान नेटवर्क “ रुपे कार्ड 20 मार्च 2012 को लांच किया था , आम जनता के लिए यह 08 मई 2014 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्रीमान प्रणव मुखर्जी के द्वारा लांच किया गया था।

इस प्रकार आज भारत में तीन प्रकार की कंपनियों का क्रेडिट कार्ड / डेबिट कार्ड हम इस्तेमाल करते है , और वो है -

  • VISA Card
  • Master Card
  • Rupay Card
आप अपने क्रेडिट / डेबिट कार्ड को देखे , इसमें आपके बैंक के नाम के साथ एक और कंपनी का नाम लिखा होता है , वीजा कार्ड , मास्टर कार्ड या रुपे कार्ड।  वास्तव में आपके क्रेडिट व् डेबिट कार्ड की सर्विस ये कम्पनिया ही दे रही है , ये आपके और आपके बैंक के बीच एक सेतु का कार्य करती है , आप कार्ड के माध्यम से जैसे ही भुगतान करते है वैसे आपकी जानकारी पहले इन कार्ड की सुविधा देने वाली कंपनियों के पास जाती है , फिर वहाँ से आपके बैंक को ये सांकेतिक मैसेज करती है और बैंक इनके उक्त संदेश के आधार पर इनके माध्यम से भुगतान प्राप्त करने वाली बैंक को भुगतान कर देती है।  वैसे यह कार्य कुछ सेकंडो में हो जाता है , और हमें इसके पीछे की जटिलता का पता भी नहीं चलता है। 


क्रेडिट कार्ड आवेदन कैसै करे ( How to Apply Credit Card )-



क्रेडिट कार्ड्स के आज अलग - अलग रूपों और सुविधाओं के साथ आपके दायरे में है , हा , इसे अपनाते समय कुछ विशेष बातो का हमेशा धयान रखे - 
  • वार्षिक शुल्क - यदि बैंक आपको कुछ सुविधा दे रही है , तो इन कार्डो पर वार्षिक शुल्क भी वसूलती है , और कुछ कार्ड ऐसे भी होते है जिसमे वार्षिक शुल्क नहीं लगता है , क्रेडिट कार्ड अप्लाई करते समय इन चार्जेज को ध्यान में रखे। 
  • ब्याज दर - यदि आप किसी माह में क्रेडिट कार्ड का समय पर भुगतान नहीं कर पा रहे हो तो बैंक आपसे ब्याज वसूलती है , इन ब्याज दरों की भी तुलना कर लेवे। 

क्रेडिट कार्ड हम कहाॅ से ले-

क्रेडिट कार्ड लेने के लिए हम निम्न बैंक मे Apply कर सकते है-
यह क्रेडिट कार्ड एक्सिस बैंक और इन्डियन ऑयल के साझेदारी से निर्गत किया गया है। और इसकी सर्विस दाता है- रुपे कार्ड।  इसकी ज्वाइनिंग फीस है रूपए 500/-, ।
आप इस कार्ड से इन्डियन ऑयल पर जो खरीदारी करोगे , प्रत्येक रु 100/- की खरीदारी पर आपको 20  Reward points मिलेगे। या  यदि आप इससे आनलाइन ख़रीदारी करते हो, तब प्रत्येक रु 100/- पर 5 Rewards Point मिलेगे। आप इन रिवॉर्ड्स को कभी भी रीडीम करा सकते हो। इस कार्ड को अप्लाई करने के लिए क्लिक कीजिए- Axis Credit Card 

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