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बाइक टैक्सी - जिसने बाजार का रुख बदला ( Byke Taxi )

किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में उसके परिवहन साधन का विशेष योगदान होता है , यह जितना त्वरित , सुलभ और मितव्ययी होता है , उतना ही देश की उन्नति होती है। खुदरा व्यापार में भी एक त्वरित परिवहन साधन की जरूरत काफी समय से महसूस की जा रही थी। 

इन दिनों परिवहन के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत हुई है और वह है - बाइक टैक्सी। 

आप सोच रहे है की इसमें क्रांति लाने जैसी क्या बात है ?, यह आपको पता चलेगा जब आप इस लेख को पूरा पढ़ेंगे तब।  

तो चलिए देखते है की इस क्रांति की शुरुआत कैसे हुई और किन लोगो के द्वारा हुई थी। 

बाइक टैक्सी सुविधा की शुरुआत 

अरविंद संका और पवन गूंटूपल्ली दो दोस्त थे, इनकी दोस्ती इनके हाई स्कूल से ही थी, वर्ष 2014 मे एक समर प्रोग्राम मे गए हुए थे, वहां उनकी मुलाकात एस आर ऋषिकेश से हुई, वहा इन तीनो ने मिलकर व्यवसाय करने का निश्चय किया, और कुछ प्लानिंग के बाद इन्होंने मिलकर " कैरियर " नाम का व्यवसाय शुरु किया, लेकिन यह व्यवसाय कुछ खास चला नही। 

कुछ नया करने की इच्छा शक्ति के कारण ये हमेशा सामाजिक समस्याओ के बारे मे सोचा करते थे, उन्ही दिनों इन्हे महसूस हुआ कि बंगलोर शहर मे ट्रैफ़िक जाम  की काफी समस्या है, इन्होंने इसपर काफी रिशर्च किया और पाया कि जितने भी दोपहिया वाहन चलते हैं उसमे से 80% के पिछली शीट खाली रहती हैं। और अधिकांश दोपहिया चलाने वाले व्यक्ति को  पार्ट टाइम काम की तलाश रहती है, बस यहाँ से उनके दिमाग मे बाइक टैक्सी का विचार आया। 

इस प्रकार से रैपिडो ने दस वर्ष पहले बाजार मे कदम रखा, और बाइक टैक्सी को लोकप्रिय बनाया। 

इसके पहले टैक्सी के लिए सिर्फ कार का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन रैपिडो ने बाइक और तिपहिया वाहनों के साथ कैब् सर्विस शुरू कर के बाजार मे तहलका मचा दिया। 

लेकिन चुनौतिया भी कम नही थी, भारतीय मोटर एक्ट में बाइक टैक्सी का कोई प्रावधान नही था, और सफेद नम्बर प्लेट वाले गाड़ी को टैक्सी के रूप में इस्तेमाल नही किया जा सकता था, लेकिन इसका हल निकालने के लिए कंपनी ने इसका नाम बाइक टैक्सी की जगह बाइक पुल्लिंग टैक्सी सर्विस का नया नाम दे दिया, और काफी प्रयास करने के पश्चात् इसको चलाने की अनुमति मिल गई। 

आज सितंबर 2024 मे रैपिडो 1 अरब डॉलर के वैलुएसन के बाद अब यह रैपिडो यूनिकआर्न बन गया है, आज देश के, 40-50 शहरों मे यह स्वीगी का डेलिवरी साझेदार है। अभी इसने  Haidarabad Metro Rail Limited के साथ बाइक मैट्रो सर्विस शुरु किया है। आज रैपिडो बाइक टैक्सी के सेगमेनट मे 70% बाजार मे हिस्सेदारी है। इस पर रोजाना 15 लाख लोग सफर करते है। 

        

रैपिडो इतना सफल कैसे हुआ

नया और अनोखा बिजनेस मॉडल


रैपिडो बाजार मे पहली बार बाइक-टैक्सी कॉन्सेप्ट ले कर आया। इसने लोगो को एक नये व्यवसाय का विकल्प दिया, इससे छोटी दुरी के यात्राओं के लिए एक किफायती और तेज विकल्प मिल गया। 

शहरी यातायात की समस्याओ का निवारण 

रैपिडो ने शहरी यातायात की भीड़भाड और पार्किंग की समस्याओ का समाधान प्रस्तुत किया, बाइक के जरिए यात्रा करने से यात्री आसानी से ट्रैफिक जाम से बच सकते है। 

यात्रा की कम लागत

चूंकि बाइक से यात्रा की लागत कार से काफी कम होती है, इसलिए कस्टमर को भी यह काफी किफायत मे उपलब्ध होती है। 

बेहतरीन तकनीक का इस्तेमाल

रैपिडो को इतना सफल बनाने मे इसके एप्प का काफी योगदान है, जोकि एक उन्नत तकनीक पर आधारित है , इसमे कस्टमर के बुकिंग से लेकर उसके भुगतान करने तक की सुविधा इतनी आसानी से स्टेप्स बाइ स्टेप्स दिया गया कि एक अन्जान व्यक्ति भी इसका पहली बार मे ही अच्छे से इस्तेमाल कर सकता है। 

सुविधाजनक बुकिंग 

रैपिडो के उन्नत तकनीक वाले एप्प की मदद से आप इसके सर्विस की बुकिंग बड़े ही आसानी के साथ कर सकते है।  यह काफी आसान और त्वरित है। 

व्यापक नेटवर्क 

रैपिडो ने अपने रिसर्च के द्वारा पहले ही यह जान लिया था की इस देश में बेरोजगारी की वजह से, काम करने वाले वर्कर की संख्या काफी ज्यादा है , और इससे उनको व्यापक नेटवर्क बनाने में मदद मिला। और यात्रियों को भी सुविधाजनक सुविधाएं मिली। 

रैपिडो कप्तान अभियान 

रैपिडो ने अपना नेटवर्क बढ़ाने के लिए काफी रोचक अभियान चलाया है , इस बार क्रिसमस के मौके पर रैपिडो  ने अपना रैफरल प्रोग्राम लांच किया है , इस प्रोग्राम के अंतर्गत यदि कोई आपका लिंक स्वीकार कर के रैपडो कप्तान बनता है तो उसे प्रत्येक रैफरल पर रुपया 1030 तक कैश मिलेगा। इसको ज्वाइन और रेफरल इनकम के लिए ज्वाइन करे - https://www.rapido.bike

रैपिडो की सफलता के पीछे कौन है ?

जैसा आपने ऊपर पढ़ा , निम्न तीन व्यक्ति है , इस सफलता के पीछे -

RAIPIDO FOUNDER
Source - https://www.rapido.bike



रैपिडो लाया नया मार्केटिंग ट्रेन्ड

रैपिडो के बाइक टैक्सी कॉन्सेप्ट के कारण भारत मे एक नया मार्केटिंग ट्रेन्ड विकसित हुआ है और वह है ई-कॉमर्स मे,  और वह नया कॉन्सेप्ट है बाइक से घरेलू सामान की डिलेवरी। 

और इस नये कॉन्सेप्ट को कहा जा रहा है- क्विक कामर्स (Quick Commerce)। 

वैसे इस नये प्रकार के व्यवसाय मे रैपीडो काफी पीछे हो गई इसमें नए-नए बिजनेस कंपनियां आगे आई जैसे ब्लैंकेट, स्विग्गी और जोमैटो। लेकिन इस प्रकार के व्यवसाय को बाजार में लाने का श्रेय रैपीडो को ही जाता है। 

अभी इस प्रकार के बाजार की ज्यादा चर्चा इसलिए है कि ई-कॉमर्स क्षेत्र की दिक्कत कंपनी अमेजॉन ने तेज नामक नए प्लेटफार्म के जरिए इसमें प्रवेश करने की घोषणा की है , उनका मुख्य मुकाबला सॉफ्टबैक समर्थित स्विगी इन्स्टामार्ट और जोमैटो के Blinkit से होगा । इस दौड़ में Jepto, फ्लिपकार्ट मिनिट्स, बिग बॉस्केट भी शामिल है। ऐसे में अमेजॉन के आने से यह क्षेत्र और प्रतिस्पर्धा होगा और उम्मीद की जा रही है इसका फायदा Customer को ही होगा ।

क्या है क्विक कॉमर्स ( Quick Commerce)

जैसा के नाम से स्पष्ट है,  यह ई-कॉमर्स का ही नवीन सन्सकरण है।इसमें ग्राहकों को आवश्यक वस्तुएं बहुत तेजी से आमतौर पर 10 से 20 मिनट के भीतर डिलीवरी की जाती है। यह सेवा मुख्य रूप से दूध ,अन्डे , किराने का सामान, दवाइयां , एफएमसीजी उत्पाद आदि के तात्कालिक व छोटे ऑर्डर वैल्यू के लिए उपयोगी है । यह पारंपरिक ई-कॉमर्स की तुलना में काफी तेज है जिसमें कम से कम 1 से 2 दिन का समय लगता है। 

आज भारत में ई-कॉमर्स इंडस्ट्रीज में काफी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है स्टेटिस्का मार्केट इनसाइड के अनुसार साल 2020 में यह क्षेत्र केवल 5 करोड डॉलर का था , जो 2024 में 66 गुना बढ़कर 3.34 अरब डालर तक पहुंच गया है। 2029 तक इसके और ढाई गुना तक बढ़कर 10 अरब डालर होने का अनुमान है। कंपनियों का जोर न केवल अपने ग्राहकों की संख्या को बढ़ाने पर है, बल्कि एवरेज ऑर्डर वैल्यू (AOV) में भी बढ़ोतरी करना है। केवल ऑर्डर वैल्यू में बढ़ोतरी होने पर से बाजार के रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट के अनुसार 2 साल पहले जो एवरेज ऑर्डर वैल्यू ₹250 थी अब वह बढ़कर ₹500 हो गई है इसमें ब्लिकिट 625 रुपए एवरेज ऑर्डर वैल्यू के साथ सबसे आगे है।  

इस बाजार के बड़े खिलाड़ी कौन है ?

ब्लिकिट- यही क्षेत्र का पहला और सबसे बड़ा खिलाड़ी है । इस कम्पनी ने 2013 में ग्रोफर्स नाम से सेवा शुरू की थी।  2021 में नाम बदलकर ब्लिकिट कर दिया।  यह आज 40 से अधिक शहरों में कार्यरत है और क्विक कॉमर्स के करीब 39% मार्केट पर कब्जा है।यह 7000 से अधिक उत्पादों की डिलीवरी करता है ।

स्विग्गी इन्स्टामार्ट - क्विक कॉमर्स बाजार का यह दूसरा बड़ा खिलाड़ी है । यह साल 2020 से कार्यरत है और अलायंस बर्नस्टीन टीम की रिपोर्ट के अनुसार इसकी देश के क्विक कामर्स बाजार में 37% की हिस्सेदारी है। 

जैप्टो- इसकी शुरुआत 2021 में हुई थी । यह 10 से अधिक शहरों में सेवाएं देता है। क्विक कॉमर्स के बाजार में 20% की हिस्सेदारी के साथ यह देश में तीसरे नंबर पर है।  यह हर रोज 2500 से भी अधिक ऑर्डर्स पूरे करता है

कैसे होती है इतनी तेज डिलेवरी 

क्विक कामर्स का अर्थ ही है 10 से 15 मिनट मे सामान की डिलेवरी। इसमे इनका सहयोग करती है अति उन्नत तकनीकी, और विशाल मैन पावर। 
जिस भी शहर मे इनकी सर्विस है, उस शहर मे प्रत्येक दो किलोमीटर पर इनके स्टोर अथवा गोदाम खुले होते है,  और कमीशन पर काम करने वाली विशाल मैन पावर भी होती है।  इन मैन पावर मे अधिकांश इसे पार्ट टाइम करते है, इसमे पढने वाले स्टुडेंट, नौकरी करने वाले लोग बहुतायत है।
और फिर इसमे सहयोग देता है इनका उन्नत एप्प। यह आर्डर प्राप्त होने से लेकर उसके तैयार होने की सुचना डिलीवरी मैन को देता है, उसके पश्चात वहाॅ तक पहुचने का रास्ता भी मैप के जरिए दिखाता है,  और फिर डिलीवरी कम्पलीट होने और भुगतान प्राप्त करने की समस्त प्रक्रिया एक के बाद एक दिखाता रहता है। इनके डिलीवरी स्टाफ को भी इसकी डिलीवरी 2 से 3 किलोमीटर के अन्दर ही करनी पड़ती है।

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